मेवाड़ टॉक फेस्ट 3.0 का प्रारंभ: स्वत्व को बनाए रखने में साहित्य की भूमिका महत्वपूर्ण

Update: 2025-01-11 14:27 GMT


राजसमंद( राव दिलीप सिंह परिहार)साहित्य व संवाद के उत्सव मेवाड़ टॉक फेस्ट का तीसरा संस्करण राजसमंद शहर के भिक्षु निलयम में शनिवार को "भारत के स्व की कहानी" थीम पर प्रभु द्वारकाधीश जी के समक्ष दीप प्रज्जवलन कर शुभारंभ हुआ। दो दिवसीय यह टॉक फेस्ट स्वामी विवेकानंद को समर्पित रहेगा।

उद्घाटन सत्र में ठाकुर जी की आराधना में मनस्वी व्यास ने हवेली संगीत प्रस्तुत किया तथा अंजली जुयल ने रश्मिरथि का पाठ किया। "भारत के स्व की कहानी" विषय पर बीज भाषण मुख्य वक्ता सुरेंद्र सिंह राव "मृत्युंजय" ने दिया।

सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि युवाओं को अपने स्वत्व को पहचानना जरूरी हैं। इतिहास में स्वत्व को मिटाने के बहुत प्रयास हुए हैं, जो अभी भी जारी है। परंतु हर युग में स्वत्व को बनाए रखने के लिए साहित्य, गीत के साथ शिक्षा की भूमिका रही हैं। हमें पाश्चात्य मानसिक गुलामी से बाहर निकलना होगा।

पहले पैनल डिस्कशन "सिनेमा व समाज" विषय पर फिल्म निर्माता विवेक शर्मा, लेखक मुरारी गुप्ता व संगीतकार एकार्थ के साथ प्रोफेसर अमिताभ श्रीवास्तव ने वार्ता की। म्यूजिक डायरेक्टर एकार्थ ने कहा कि बॉलीवुड में भारत के आत्मबोध से सम्बन्धी कंटेंट बनने लगा, क्योंकि युवाओं ने सूचना माध्यम से अपनी समीक्षात्मक प्रतिक्रिया पहुंचाइ। जिसमें युवाओं के फिल्मों में भारतीयता को कैसे बढ़ाया जाएं, इंटरनेट पर किस प्रकार का कंटेंट देखना है, जैसे प्रश्नों को उठाया। फ़िल्म ने सत्र में युवाओं ने सत्र में कृष्णांशी और सुगंधा पुस्तक का परिचय दिया। समानांतर सत्र में 4 मिनट की अवधि की स्टोरी टेलिंग प्रतियोगिता और 'मेवाड़ के ऐतिहासिक/धार्मिक स्थल के दृश्य" पर ड्राइंग प्रतियोगिता आयोजित हुई । जिसमे प्रतिभागियों ने हाड़ी रानी, हल्दीघाटी, द्वारकाधीश जी, मीरा बाई सहित प्रमुख स्थलों के चित्र बनाये।

"लेखक की बात" सत्र में अमित वर्मा ने अपनी पुस्तक "दीनदयाल उपाध्याय" पर और याजवेंद्र यादव ने उनकी पुस्तक तुष्टिकरण की यात्रा 1921 से 2021 पर चर्चा की। अमित वर्मा ने दीनदयाल उपाध्याय के द्वारा दिए एकात्म मानवता के दर्शन पर बात की। सत्र में जे. नंदकुमार की पुस्तक राष्ट्रीय स्वत्व के लिए संघर्ष का परिचय दिया गया।

दूसरे पैनल डिस्कशन में "स्व के उद्घोषक: स्वामी विवेकानंद" विषय पर पैनल वार्ता हुई, जिसमें लेखक उमेश चौरसिया, डॉ स्वतंत्र कुमार व भूपेंद्र जोशी से प्रोफेसर कुंजन आचार्य ने चर्चा की। सत्र में विवेकानंद के संदेश अतीत से प्रेरणा लेकर भविष्य को सुदृढ़ बनाने पर चर्चा हुई । सत्र में पेनलिस्टों ने बताया कि जितना आध्यत्म पुष्ट होगा, हमारा स्वयं का विकास होगा, जिससे सम्पूर्ण देश में स्वत्व की भावना का जागरण होगा।

प्रेरक सत्र में जेएनयू प्रोफेसर डॉ राजेश जांगिड़ ने वॉलंटियर्स को अध्ययन एवं प्रबंधन पर मार्गदर्शन प्रदान किया। विद्यार्थियों के कैरियर सम्बन्धी प्रश्नों के जवाब दिए।

नाइट स्टेज सत्र में स्वामी विवेकानंद जयंती की पूर्व संध्या पर केएल कलावत के निर्देशन में नाटिका का मंचन हुआ। नाटक में विवेकानन्द दिशान्त साहू, रामकृष्ण कलावत के. एल., राहगीर अजय सक्सेना, अतिथि खुशबू और शिष्य भारती प्रजापति ने अभिनय किया।

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