माता-पिता की सकारात्मक परवरिश से बच्चों की असली “पहचान“ मजबूत

Update: 2025-09-29 16:59 GMT

 

उदयपुर, । राजस्थान आजीविका ग्रामीण परिषद (राजीवीका) और और यूनिसेफ के संयुक्त तत्वावधान में उदयपुर के ब्लॉक कुराबड़, बड़गाँव एवं वल्लभनगर में “पहचान कार्यक्रम” संचालित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य किशोर, किशोरियों के आत्मसम्मान और आत्मविश्वास को बढ़ाना है। 11-14 वर्ष की आयु में बच्चे अक्सर शारीरिक और मानसिक बदलावों से गुजरते हैं, ऐसे समय में बच्चों को माता-पिता के सही मार्गदर्शन के साथ-साथ परिवार एवं समाज के सहयोग की आवश्यकता होती है। जिससे बच्चे बिना किसी रंग-रूप, कद-काठी, जाति, धर्म, लिंग एवं जेंडर आधारित भेदभाव के आत्मविश्वास से अपने जीवन को आगे बढ़ा सकेंगे और अपने सपनों को पूरा कर पाएंगे।

इसी क्रम में, उदयपुर जिले के बड़गाँव ब्लॉक कविता गाँव स्थित महाराणा प्रताप सीएलएफ कार्यालय में‘पहचान कार्यक्रम’के अंतर्गत एक दिवसीय रिफ्रेशर प्रशिक्षण आयोजित किया गया। इसमें 23 ग्राम संगठन सहायिकाओं (वीओए) और पोषण सखियों ने भाग लिया। प्रशिक्षण का मुख्य संदेश था कि बच्चों की असली पहचान उनके गुणों और क्षमताओं से होती है, न कि उनके रूप-रंग या शारीरिक बनावट से।

प्रशिक्षण के दौरान बीसी टूलकिट (पोस्टर, क्यू-कार्ड और गतिविधियाँ) के माध्यम सेशरीर की तुलना, सोशल मीडिया का दबाव, जेंडर आधारित धारणाएँ, बुलिंग और सकारात्मक पेरेंटिंग जैसे विषयों पर चर्चा की गई। प्रतिभागियों ने सीखा कि माता-पिता और समुदाय बच्चों के आत्मविश्वास को कैसे मज़बूत बना सकते हैं।

वीओए एवं पोषण सखियों ने साझा किया कि वे अपने ग्राम संगठनो ओर स्वयं सहायता समूहों की बैठकों में यह संदेश आगे बढ़ाएँगी, ताकि समुदाय में माता-पिता बच्चों की तुलना करने के बजाय उनके अच्छे व्यवहार, सम्मानजनक रवैये और सहानुभूति जैसे गुणों की सराहना करें।

‘पहचान’ कार्यक्रम की महत्ता इस बात में है कि यह किशोरों को जीवन के उस संवेदनशील दौर में सही दिशा देता है, जब वे शारीरिक और मानसिक बदलावों से गुजर रहे होते हैं। यह पहल बच्चों को रंग-रूप, कद-काठी और लिंग भेद से परे आत्मविश्वास और आत्मसम्मान के साथ जीवन जीने की सीख देती है।

इस कार्यक्रम को राजीविका के जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री ख्यालीलाल खटीक पर यूनिसेफ के राज्य सलाहकार श्री ज़मीर अनवर के मार्गदर्शन में क्रियान्वित किया जा रहा है। इस प्रशिक्षण के सफल आयोजन में डीएमआईबी मेघा चौबिसा और बीपीएम श्रीमती मोनिका जी का विशेष सहयोग रहा। इसके अतिरिक्त जिला एसबीसी समन्वयक श्रीमती यशी पालीवाल (अरावली) और उनकी टीम के सदस्य केसर पालीवाल, अरविंद वर्मा, नरेंद्र मेघवाल एवं कैलाश कुँवर देवडा का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

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