
उदयपुर,। डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फाउंडेषन ट्रस्ट की मैनेजिंग कमेटी की बैठक शुक्रवार को जिला कलक्टर नमित मेहता की अध्यक्षता में कलक्ट्रेेट मिनी सभागार में हुई। इसमें डीएमएफटी के माध्यम से पूर्व में स्वीकृत कार्यों की प्रगति पर चर्चा करते हुए आवष्यक दिषा-निर्देष दिए।
बैठक में प्रारंभ में कोषाधिकारी महेंद्रसिंह ने डीएमएफटी प्रावधानों की जानकारी देते हुए प्रथम प्राथमिकता और द्वितीय प्राथमिकता की श्रेणियों से अवगत कराया। इसके पश्चात जिले में डीएमएफटी गठन से लेकर अब तक कुल स्वीकृत कार्यों का विवरण प्रस्तुत किया। जिला कलक्टर ने सार्वजनिक निर्माण विभाग के विभिन्न खण्डों सहित जल संसाधन, समसा, चिकित्सा, जिला परिषद, मोहनलाल सुखाड़िया विष्वविद्यालय, आरएनटी मेडिकल कॉलेज आदि के लिए स्वीकृत कार्यों की एक-एक करके समीक्षा की। उन्होंने कुछ कार्यों के 3-4 सालों से लंबित होने पर संबंधित अधिकारियों से तथ्यात्मक जानकारी लेते हुए उन्हें जल्द से जल्द पूर्ण कराने के निर्देष दिए। साथ ही कुछ कार्यों के तकनीकी कारणों से प्रारंभ नहीं हो पाने पर जिला कलक्टर मेहता ने संबंधित अधिकारियों को उक्त कार्य आगामी 2 माह में शुरू कराने अथवा निरस्तीकरण की प्रक्रिया करने के लिए भी निर्देषित किया। बैठक में सीईओ जिला परिषद रिया डाबी, नगर निगम आयुक्त रामप्रकाष, स्मार्ट सिटी सीईओ कृष्णपालसिंह चौहान, आरएनटी मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ विपिन माथुर, पीडब्ल्यूडी एसई राजीव अग्रवाल, खनि अभियंता आसिफ अंसारी, सीएमएचओ डॉ अषोक कुमार, नगर निगम के एसई मुकेष पुजारी, मुख्य अग्निषमन अधिकारी बाबूलाल चौधरी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे।
युसी-सीसी भिजवाने के निर्देष
बैठक में जिला कलक्टर ने विभागवार प्रारंभ और पूर्ण हो चुके कार्यों पर चर्चा करते हुए अपेक्षित दस्तावेज जल्द से जल्द प्रेषित करने के निर्देष दिए। उन्होंने अधिकारियों को प्रथम किष्त जारी होने के बाद अपेक्षित प्रगति वाले कामों के लिए अगली किष्त की प्रक्रिया करने तथा पूर्ण हो चुके कार्यों की युसी सीसी भिजवाने के निर्देष दिए, ताकि उन्हें भुगतान जारी किया जा सके।
अच्छे और जनपयोगी कार्य प्रस्तावित करें
बैठक में जिला कलक्टर ने कहा कि डीएमएफटी के माध्यम से ऐसे कार्य प्रस्तावित किए जाने चाहिए जिससे धरातल पर कार्य नजर आए और व्यापक जनहित जुड़ा हुआ हो। उदाहरण के तौर पर उन्होंने चिकित्सा विभाग को पीएचसी-सीएचसी के मॉडनाईजेषन के लिए, षिक्षा विभाग को हर स्कूल में लाईब्रेरी स्थापित करने, जिला परिषद को हर पंचायत में खेल मैदान विकसित करने अथवा लाईब्रेरी स्थापित करने, आईसीडीएस को मॉडल आंगनवाड़ियां विकसित करने जैसे प्रस्ताव किए जाने का सुझाव दिया। साथ ही नगर निगम, युडीए और स्मार्टसिटी को भी अच्छे प्रस्ताव भिजवाने के निर्देष दिए।