गमेर बाग धाम में 9 दिवसीय भव्य नवरात्रि पाश्र्व पद्मावती महामंडल विधान धार्मिक अनुष्ठान के साथ शुरू

Update: 2024-10-03 09:38 GMT

उदयपुर। गोवर्धन विलास हिरण मगरी सेक्टर 14 स्थित गमेर बाग धाम में श्री दिगम्बर जैन दशा नागदा समाज चेरिटेबल ट्रस्ट एवं सकल दिगम्बर जैन समाज के तत्वावधान में गणधराचार्य कुंथुसागर गुरुदेव के शिष्य बालयोगी युवा संत मुनि श्रुतधरनंदी महाराज, मुनि उत्कर्ष कीर्ति महाराज, क्षुल्लक सुप्रभात सागर महाराज के सान्निध्य में प्रतिदिन वर्षावास के आयोजन की धूम जारी है।

चातुर्मास समिति के महावीर देवड़ा, दिनेश वेलावत व कमलेश वेलावत एवं जैन युवा परिषद उदयपुर युवा परिषद के अध्यक्ष रविश मुण्डलिया ने बताया कि गमेर बाग धाम में बालयोगी युवासंत मुनि श्रुतधरनन्दी महाराज ससंघ के सानिध्य में 9 दिवसीय भव्य नवरात्रि पाश्र्व पद्मावती महामंडल विधान, पद्मावती माता की गोद भराई एव गरबा महोत्सव का आगाज गुरुवार से हुआ। उन्होने बताया कि सुबह 6 बजे चैत्यालय जी की प्रतिमा का पंचामृत अभिषेक, महाशांतिधारा एवं ध्वजा रोहण कार्यक्रम का आयोजन हुआ। उसके बाद मुनिश्री के प्रवचन, सकलीकरण मण्डप प्रतिष्ठा, इन्द्र प्रतिष्ठा, अंकुरारोपण, श्रीजी को मण्डल में विराजमान कर विधान की पूजा शुरू की गई। उसके बाद दोपहर 2 बजे से पद्मावती माता की गोद भाराई का कार्यक्रम आयोजित हुआ। उसके बाद शाम को 7 बजे आनन्द यात्रा एवं आरती का आयोजन हुआ। उसके बाद सभी श्रावक-श्राविकाओं द्वारा गरबा खेला गया। डांडिया महोत्सव के दौरान अलग-अगल ग्रुप बनाकर पास जारी किए गए जिसमें 1 से 7 वर्ष तक की आयु वालो के लिए ओरेंज पास, 8 से 15 वर्ष तक की आयु वालों के लिए ग्रीन पास, महिला वर्ग 16 से 30 वर्ष तक की आयु वालो के लिए पिंक पास, महिला वर्ग 30 से अधिक आयु वालों के लिए ब्ल्यू पास, पुरुष वर्ग में 16 से अधिक आयु वालों के लिए व्हाईट पास जारी किए गए।

सकल दिगम्बर जैन समाज के अध्यक्ष शांतिलाल वेलावत, महामंत्री सुरेश पद्मावत व चातुर्मास समिति के विजयलाल वेलावत व हेमेन्द्र वेलावत ने संयुक्त रूप से बताया कि इस दौरान आयोजित धर्मसभा में बालयोगी युवा संत श्रुतधरनंदी महाराज ने कहा कि मनुष्य के पास सब कुछ है परन्तु संतोष नहीं है तो कुछ भी नहीं है। अगर संतोष है तो सब कुछ होते हुए भी कुछ नहीं है। किसी के प्रति राग द्वेष बढ़ाने से अशांति होती है और राग द्वेष घटाने से शांति की प्राप्ती होती है। जीवन के परिणाम शांत रखना चाहिए जिस प्रकार प्रभु राम ने वनवास होने पर भी परिणाम को शांत रखा तो वनवास के पश्चात राज्याभिषेक हुआ।

चातुर्मास समिति के महावीर देवड़ा, पुष्कर जैन भदावत, दिनेश वेलावत व कमलेश वेलावत ने बताया मंगलवार को बालयोगी युवा संत मुनि श्रुतधरनंदी महाराज के सान्निध्य में श्रावक-श्राविकाओं ने गमेर बाग धाम में बिराजित मूलनायक भगवान की नित्य नियम पूजा-अर्चना की। उसके बाद पंचामृत अभिषेक एवं शांतिधारा की। वहीं कई श्रावक-श्राविकाओं ने मुनि संघ से आशीर्वाद लिया। चातुर्मास समिति के भंवरलाल गदावत ने बताया कि मुनिश्री का पाद प्रक्षालन, दीप प्रज्जवलन, धर्मसभा के पूर्व शंतिधारा, अभिषेक, शास्त्र भेंट, चित्र अनावरण एवं दीप प्रज्वलन जैसे मांगलिक आयोजन हुए। शाम को सभी श्रावक-श्राविकाओं ने मुनि संघ की आरती की।

इस अवसर पर अध्यक्ष शांतिलाल वेलावत, विजयलाल वेलावत, पुष्कर जैन भदावत, महावीर देवड़ा, दिनेश वेलावत, कमलेश वेलावत, भंवरलाल गदावत, सुरेश पद्मावत, देवेन्द्र छाप्या, ऋषभ कुमार जैन, भंवरलाल देवड़ा, मंजु गदावत, लक्ष्मी देवड़ा, सीता देवड़ा, जयश्री देवड़ा, अल्का भदावत, लक्ष्मी सिंघवी, सुशीला वेलावत, बसन्ती वेलावत, भारती वेलावत, शिल्पा वेलावत, अल्पा वेलावत सहित सकल जैन समाज के सैकड़ों श्रावक-श्राविकाएं मौजूद रहे।

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