कौन सुने फरियाद...?
By : मदनलाल वैष्णव
Update: 2025-02-04 13:09 GMT
तुझे सताती होगी मेरी याद,
जालिम कौन सुने फरियाद।
नहीं मेरा प्यार कोई उन्माद,
दिल से तुझे करता हँू याद।
घरवाले कहते है छोड़ नाद,
मुझे तू हर हाल में दे साथ।
तुझे सताती होगी मेरी याद,
जालिम कौन सुने फरियाद।
मैं यहॉ तू वहॉ है नजरबंद,
तेरा-मेरा जन्मों का अनुबंध।
इस रिश्ते में स्नेहिल है गंध,
कोई आकर खोल दे ये बंध।
तुझे सताती होगी मेरी याद,
जालिम कौन सुने फरियाद।
जीवन में ना हो ऐसे हालात,
कोई तो समझे मेरे जज्बात।
जब भी पूछे तुझसे सवालात,
कहो होगी हमारी मुलाकात।