विश्व पृथ्वी दिवस पर विशेष

पृथ्वी हमारे अस्तित्व का आधार...!
राजा पृथु ने धरती का किया दोहन,
हुई ये धरा समतल उपजाऊ मोहन।
भारत में पृथ्वी को माता कहा जाता,
राजा का पूरी पृथ्वी से ही रहा नाता।
सबसे पहले धरती पे उगाया अनाज,
संपूर्ण विश्व पे पृथु ने ही किया राज।
राजा पृथु ने धरती का किया दोहन,
हुई ये धरा समतल उपजाऊ मोहन।
सुबह नींद से जाग करों चरण स्पर्श,
जीवन सुखदायी हो धरा पे हो हर्ष।
माता भूमिः पुत्रोअहम पृथिव्याः मंत्र,
धरती पे पैर रख उच्चारण करों यत्र।
राजा पृथु ने धरती का किया दोहन,
हुई ये धरा समतल उपजाऊ मोहन।
संस्कारों में जन्म से लेकर मृत्यु तक,
कृषि से लेकर भवन के निर्माण तक।
'पृथ्वी' आराधना शुभ कार्यों में होती,
अन्न,जल,औषधि,फलफूल,वस्त्र देती।
राजा पृथु ने धरती का किया दोहन,
हुई ये धरा समतल उपजाऊ मोहन।
हम धरती के ऋण से कभी न मुक्त,
सबकुछ असीम दें कर देती हैं तृप्त।
पृथ्वी हमारे अस्तित्व का आधार है,
दिया हमें जो आश्रय ये उपकार हैं।
संजय एम तराणेकर