आओ बाँसुरी...!

By :  vijay
Update: 2025-05-04 13:00 GMT
  • whatsapp icon


हमसे क्यों दूर हो आओ बाँसुरी,

अभी होंठों की प्यास हैं अधूरी।

तुम्हारे बगैर हरेक गीत अधूरा है,

गीत नहीं लिखा फिर भी पूरा हैं।

छूने दो सुर-ताल, लय साथ होंगे,

कृष्ण, राधा के आस-पास होंगे।

हमसे क्यों दूर हो आओ बाँसुरी,

अभी होंठों की प्यास हैं अधूरी।

मुझे आज कोई तो गीत गाना है,

सात सुरों से महफ़िल सजाना है।

ऐसे न रूठा करो-बोलो मनाना है,

कन्हैया भी तो तुम्हारा दीवाना है।

Similar News