"श्रेया के पर्यावरण सरक्षण प्रयासों से हरित भविष्य ओर प्लास्टिक प्रदूषण की दिशा में एक प्रेरक पहल

By :  vijay
Update: 2025-06-18 08:36 GMT
"श्रेया के पर्यावरण सरक्षण प्रयासों से हरित भविष्य ओर प्लास्टिक प्रदूषण की दिशा में एक प्रेरक पहल
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राजेन्द्र खटीक शाहपुरा शाहपुरा : जब नन्हे कदम पर्यावरण की रक्षा के लिए उठते हैं, तो समाज को एक नई दिशा मिलती है। राजस्थान की बाल पर्यावरण संरक्षक श्रेया कुमावत, जिन्हें लोग स्नेह से ‘ग्रीन लिटिल बेबी’ कहते हैं, ने हाल ही में राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के भीलवाड़ा क्षेत्रीय कार्यालय में अधिकारियों से मुलाकात कर पर्यावरण संरक्षण को लेकर सार्थक संवाद किया।

इस अवसर पर श्रेया ने अधिकारियों को पौधे और इको-फ्रेंडली बीज बॉल की पोटली भेंट की, जो न केवल प्रकृति से जुड़ाव का प्रतीक है, बल्कि एक समर्पित संदेश भी-“हम सब मिलकर बदलाव ला सकते हैं”।

भेंटवार्ता के दौरान श्रेया ने सिंगल यूज प्लास्टिक के दुष्परिणामों पर चर्चा करते हुए इसके विकल्पों को अपनाने और जन-जागरूकता फैलाने की जरूरत पर बल दिया। उनका मानना है कि जब हर व्यक्ति छोटे-छोटे बदलाव अपने जीवन में करता है, तब समाज में बड़े परिवर्तन संभव होते हैं। इस प्रेरक भेंट में क्षेत्रीय अधिकारी दीपक घनेटवाल, कनिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी स्वेता दाधीच, कृतिका सोमावत, कनिष्ठ अभियंता कन्हैयालाल कुमावत और शिल्पा बाहेती सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।

दीपक घनेटवाल ने श्रेया के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, “श्रेया जैसी बाल प्रतिभाएं समाज के लिए प्रेरणा हैं। इनकी लगन और संवेदनशीलता हमें यह विश्वास देती है कि आने वाला कल न केवल हरित होगा, बल्कि स्वच्छ और प्लास्टिक प्रदूषण-मुक्त भी।” श्रेया ने अपने उद्बोधन में कहा, “मुझे विश्वास है कि हम सभी मिलकर यदि छोटे-छोटे प्रयास करें-दैनिक जीवन मे काम आने वाला प्लास्टिक का त्याग करें, पौधे लगाएं और दूसरों को जागरूक करें—तो हम एक स्वच्छ और सुंदर भारत की कल्पना को साकार कर सकते हैं।”

उनकी यह पहल न केवल पर्यावरण रक्षा का संदेश देती है, बल्कि बच्चों में सामाजिक चेतना और ज़िम्मेदारी के बीज भी बोती है।

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