मोदी-शी के बीच बनी आम सहमति को लागू करने के लिए तैयार', चीन ने संबंधों को बेहतर बनाने की कही बात
चीन ने सोमवार को कहा कि वह हाल ही में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई महत्वपूर्ण सहमति को लागू करने के लिए तैयार है। यह सहमति पिछले चार वर्षों से पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध के कारण जमी हुई संबंधों की बर्फ पिघलाने की दिशा में एक कदम है।
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में मिले थे दोनों नेता
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा, हाल ही में राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कजान में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। जब उनसे जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं की संभावित बैठक के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि उनके पास इस बैठक की विशेष जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा, चीन भारत के साथ मिलकर नेताओं के बीच हुई महत्वपूर्ण सहमति को लागू करने, संवाद और सहयोग बढ़ाने और रणनीतिक आपसी विश्वास को मजबूत करने के लिए तैयार है।
कजान में हुई बैठक में दोनों नेताओं ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त और सैनिकों को अलग करने के समझौते को मंजूरी दी और कई द्विपक्षीय संवाद तंत्र को फिर से सक्रिय करने के निर्देश दिए। इससे यह संकेत मिलता है कि संबंधों को सामान्य बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं, जो 2020 में घातक सैन्य संघर्ष के बाद से प्रभावित थे।
पीएम मोदी और शी जिनपिंग की टिप्पणी
करीब 50 मिनट की इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि मतभेदों और विवादों को सही तरीके से संभालना चाहिए और उन्हें सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता को प्रभावित नहीं करने देना चाहिए। उन्होंने कहा कि आपसी विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता संबंधों का आधार बने रहना चाहिए। राष्ट्रपति शी ने कहा कि भारत-चीन संबंध इस बात पर निर्भर करते हैं कि दो बड़े विकासशील पड़ोसी देश, जिनकी आबादी 1.4 अरब है, एक-दूसरे के साथ कैसा व्यवहार करते हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को एक-दूसरे के प्रति सही रणनीतिक दृष्टिकोण बनाए रखना चाहिए और पड़ोसी देशों के बीच सामंजस्य और समान विकास का "सही और उज्ज्वल रास्ता" खोजना चाहिए।
गलवान घाटी में झड़प के बाद से बिगड़े थे हालात
भारत और चीन के संबंध 2020 के जून में गलवान घाटी में हुई घातक झड़प के बाद काफी बिगड़ गए थे। यह झड़प दशकों में दोनों पक्षों के बीच सबसे गंभीर सैन्य संघर्ष थी। 21 अक्तूबर को भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गश्त और सैनिकों को अलग करने के लिए एक समझौता किया। इससे चार साल से चले आ रहे गतिरोध को समाप्त करने में सफलता मिली।
दोनों देशों ने की 20 दौर की वार्ता
दोनों नेताओं ने भारत-चीन सीमा प्रश्न पर विशेष प्रतिनिधियों को जल्द मिलने और एलएसी से जुड़े मुद्दों को हल करने के प्रयास जारी रखने के निर्देश भी दिए। भारत की ओर से इस संवाद के विशेष प्रतिनिधि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल हैं, जबकि चीनी पक्ष का नेतृत्व विदेश मंत्री वांग यी करते हैं। यह विशेष प्रतिनिधि तंत्र 2003 में बनाया गया था, और तब से अब तक 20 दौर की वार्ता हो चुकी है। अंतिम बैठक 2019 में हुई थी।