घने कोहरे की चपेट में उत्तर भारत: मैदानी इलाकों में तापमान लगाएगा गोता, वर्षा के भी आसार

Update: 2025-01-05 01:49 GMT

दक्षिण-पूर्व के समुद्र में मौसमी हलचल तेज है। जनवरी के पहले सप्ताह से उत्तर में बर्फबारी का सिलसिला शुरू हुआ है, वह आगे जारी रह सकता है। नए वर्ष के पहले दिन आए पश्चिमी विक्षोभ का असर अभी पूरी तरह निस्तेज भी नहीं हो पाया है कि दूसरे ने दस्तक दे दी है। अब तीसरा विक्षोभ भी दस जनवरी तक आने वाला है, जिसका असर 14 जनवरी से सूर्य के उत्तरायण होने के बाद भी जारी रह सकता है।

स्पष्ट है कि महीने के तीसरे-चौथे सप्ताह में भी ठंड का तेवर ढीला नहीं होगा। इसी दौरान सात से दस जनवरी के बीच उत्तर भारत में जहां-तहां बारिश का भी अनुमान है, जिससे न्यूनतम तापमान गिरेगा। ठंड और बढ़ेगी। दरअसल एक निम्न दबाव का क्षेत्र पंजाब से सटे पाकिस्तान में बनने जा रहा है। दूसरा निम्न दबाव छत्तीसगढ़ में बना हुआ है। तीसरा बंगाल की खाड़ी और चौथा अरब सागर में बना हुआ है। ऐसे में नमी युक्त हवाएं देश के दोनों हिस्सों से आगे बढ़ेंगी और मैदानी इलाकों में संघनित होंगी। इससे बारिश, कोहरा और ठंड में वृद्धि तय है।

उत्तर में पहाड़ों पर भारी बर्फबारी होगी

यह चक्रवात के रूप में आगे बढ़ रहा है। दस जनवरी से तीसरा पश्चिमी विक्षोभ भी सक्रिय होने जा रहा है, जिसका असर अगले एक हफ्ते तक देखा जा सकता है।निजी एजेंसी स्काइमेट का मानना है कि छह-सात जनवरी के दौरान उत्तर में पहाड़ों पर भारी बर्फबारी होगी। इसी दौरान उत्तर भारत के राज्यों में भी जहां-तहां बारिश हो सकती है। उसके बाद 13 एवं 14 जनवरी को फिर से बर्फबारी के आसार हैं। इसी के आसपास राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा एवं पश्चिम उत्तर प्रदेश से लेकर मध्य प्रदेश के उत्तरी भागों तक बारिश दिखाई देगी।

सामान्य तौर पर नवंबर के अंतिम सप्ताह से सर्दी की शुरुआत मानी जाती है और जनवरी में इसका अंत होता है, लेकिन पिछले पांच-सात वर्ष से सर्दी के पैटर्न में परिवर्तन दिख रहा है। देर से शुरू होकर देर तक रह रही है। अगर पश्चिमी विक्षोभ की संख्या बढ़ती है तो सर्दी फरवरी तक खिंच सकती है।


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