नवंबर तक निकायों के चुनाव एक साथ, वन नेशन वन इलेक्शन पर विधानसभा में सरकार का जवाब
राजस्थान की भजनलाल सरकार प्रदेश में एक राज्य एक चुनाव की नीति लागू करने की तैयारी कर चुकी है। बुधवार को विधानसभा में सरकार के यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने बताया कि इस संबध में सरकार विधिक राय ले रही है। प्राप्त होने पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि राजस्थान में नगर निकाय चुनाव 8 चरणों में संपन्न होते हैं। इससे बार-बार आचार संहिता लगती है, जिससे विकास में व्यवधान उतपन्न होता है। खर्रा ने बताया कि राज्य सरकार 2024-25 के बजट में एक राज्य एक चुनाव लागू करने की घोषणा कर चुकी है।
बीजेपी विधायक दीप्ति किरण माहेश्वरी ने पूरक प्रश्न करते हुए पूछा कि क्या सरकार एक राज्य एक चुनाव ईवीएम के जरिए करवाएगी, यदि हां तो इसके लिए कितनी ईवीएम मशीनों की जरूरत होगी। इसके जवाब में खर्रा ने कहा कि यह काम राज्य निर्वाचन आयोग करवाता है। उन्होंने कहा कि अभी प्रदेश में वार्डों के पुनर्सीमांकन और पंचायतों के पुनर्गठन का काम चल रहा है। इसमें छोटे निकायों में प्रति वार्ड एक पोलिंग स्टेशन की जरूरत होती है। वहीं, बड़े वार्डां में 5 से 10 पोलिंग स्टेशन हो सकते हैं। इसके लिए आवश्यक ईवीएम की व्यवस्था पड़ोसी राज्यों से की जा रही है।
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इस पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने पूछा कि सब काम हो रहे हैं, लेकिन एक राज्य एक चुनाव कब होंगे? इसके जवाब में खर्रा ने कहा कि अभी हमारा वार्ड पुनर्गठन का काम चल रहा है। इसके बाद मतदाता सूची अपडेट करने का काम होगा। उन्होंने कहा कि 2025 के नवंबर के आस-पास सभी निकायों के चुनाव एक साथ करवाए जा सकते हैं।
क्या है एक राज्य एक चुनाव?
राजस्थान में एक राज्य एक चुनावों को लेकर सरकार ने इसी साल पंचायतों का पुर्नगठन किए जाने के साथ अब वार्डों का पुनर्सीमांकन के भी आदेश जारी किए हैं। इसके तहत हर ग्राम पंचायत में कम से कम सात और हर पंचायत समिति में कम से कम 15 वार्ड होंगे। इसके बाद एक निश्चित फार्मूले के तहत वार्डो की संख्या बढती जाएगी। पंचायत राज विभाग ने हाल में इसके लिए अधिसूचना जारी की है।
वहीं, इससे पहले राज्य सरकार ने पंचायतों और पंचायत समितियों के पुनर्गठन और परिसीमन के आदेश जारी किए थे। इसके चलते लगभग पौने सात हजार पंचायतों के चुनाव स्थगित भी कर दिए गए थे। पिछले आदेश में जिला कलक्टरों को सिर्फ इनकी सीमाएं तय करने और नई पंचायतें गठित करने के आदेश दिए गए थे। अब इनके साथ ही ग्राम पंचायतों और पंचायत समितियों के वार्डो की संख्या तय करने के आदेश भी दिए गए हैं। यानी अब सभी पंचायतों और पंचायत समितियों में वार्डो की संख्या भी बढेगी।