तिलक लगाया, नये कपड़े पहनाए… फिर जिंदा दफना दी मासूम, खौफनाक वारदात से कांप उठी रूह

Update: 2025-09-15 03:11 GMT



लखनऊ। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली वारदात सामने आई है। एक नवजात बच्ची को पहले सजाया-संवारा गया, माथे पर तिलक लगाया गया, नए कपड़े पहनाए गए और फिर निर्दयी हाथों ने उसे जिंदा मिट्टी में दफना दिया। परंतु किस्मत ने मासूम का साथ दिया और ग्रामीणों की सतर्कता ने उसकी नन्ही-सी जान बचा ली।

गीली मिट्टी से आई मासूम की करुण पुकार

रविवार दोपहर बहगुल नदी किनारे खेतों से गुजर रहे ग्रामीणों ने अचानक दबे स्वर में आती रोने की आवाज सुनी। पहले तो उन्होंने सोचा कि कोई बिल्ली या पिल्ला होगा, लेकिन जब आवाज लगातार बढ़ती गई तो लोग चौकन्ने हो गए। इसी दौरान किसी ग्रामीण ने देखा कि गीली मिट्टी पर एक छोटे से हाथ की हरकत हो रही है। नजदीक जाकर सच्चाई सामने आई तो सभी की रूह कांप उठी।

मिट्टी में दबा मिली जिंदगी

ग्रामीणों ने बिना देर किए पुलिस को सूचना दी और खुद मिट्टी हटानी शुरू कर दी। कुछ ही क्षणों में मासूम बच्ची बाहर निकली। जैसे ही ताजी हवा उसके चेहरे से टकराई, वह जोर-जोर से रोने लगी। यह देख वहां मौजूद हर आंख नम हो उठी। किसी ने बच्ची को गोद में लेकर सीने से लगाया, किसी ने तौलिए में लपेटकर गर्माहट दी, तो कोई उसे झुलाकर शांत कराने लगा। जिस मां-बाप ने उसे मिट्टी में छोड़ दिया, उसी समाज के अजनबी लोग उसकी जिंदगी की ढाल बन गए।

इंसानियत की मिसाल

गांव के बुजुर्गों का कहना था कि यह बच्ची किसी की ‘अभागन’ नहीं बल्कि सबकी लाडली है। जन्म देने वालों ने त्याग कर दिया, पर किस्मत ने उसे ऐसे लोगों की गोद में डाल दिया, जिन्होंने उसे बेटी की तरह दुलार दिया। पुलिस ने बच्ची को सुरक्षित अस्पताल में भर्ती कराया है, जहां डॉक्टरों ने बताया कि फिलहाल वह स्वस्थ है।

सवालों के घेरे में समाज

यह घटना जहां एक ओर रोंगटे खड़े कर देने वाली है, वहीं समाज पर भी बड़ा सवाल खड़ा करती है – आखिर क्यों आज भी मासूम बेटियों को इस तरह मौत के हवाले किया जा रहा है? क्यों मां की गोद, जो सबसे सुरक्षित ठिकाना मानी जाती है, वहीं से सबसे बड़ा खतरा बन रही है?


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