नौ सौ करोड़ घोटाले में बड़ी राहत- पूर्व मंत्री जोशी को सुप्रीम कोर्ट से जमानत, सात माह बाद जेल से बाहर आने का रास्ता साफ
जयपुर जल जीवन मिशन में कथित नौ सौ करोड़ रुपए के घोटाले के मामले में गिरफ्तार पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता महेश जोशी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को उनकी नियमित जमानत मंजूर कर दी। करीब सात महीने से जयपुर सेंट्रल जेल में बंद जोशी अब रिहा हो सकेंगे। जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस एजी मसीह की खंडपीठ ने लंबी सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया।
ईडी ने चौबीस अप्रैल को जोशी को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था। राजस्थान हाईकोर्ट ने अगस्त में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपील की। इक्कीस नवंबर को कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया था और अब जमानत मंजूर कर दी है।
गिरफ्तारी के दौरान जोशी पर निजी तौर पर भी संकट आया। गिरफ्तारी के चार दिन बाद ही उनकी पत्नी का निधन हो गया था। उस समय कोर्ट ने उन्हें चार दिन की अंतरिम राहत दी थी। इसके बाद से वे लगातार न्यायिक हिरासत में थे।
सुप्रीम कोर्ट में क्या हुए तर्क
जोशी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा और विवेक जैन ने दलील दी कि उनके मुवक्किल सात महीने से जेल में हैं, जबकि ट्रायल शुरू होने में काफी समय लग सकता है। उन्होंने कहा कि ईडी के रिकॉर्ड में यह पुख्ता रूप से सिद्ध नहीं होता कि जोशी ने रिश्वत ली है।
ईडी का आरोप है कि जोशी ने बेटे की फर्म को लोन दिलाने के नाम पर पचपन लाख रुपए रिश्वत के रूप में लिए थे। बचाव पक्ष ने कहा कि यह राशि बाद में लौटा दी गई, जिससे स्पष्ट है कि इसे अवैध धन के रूप में लेना साबित नहीं किया जा सकता। यदि यह रिश्वत होती तो इसे वापस क्यों किया जाता। इस पर एजेंसी कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे सकी।
मामले पर अगली सुनवाई और ट्रायल की कार्रवाई अब निचली अदालत में जारी रहेगी।
