नर्स की तबीयत बिगडऩे के बाद मौत, निजी अस्पताल में तोडफ़ोड़, हंगामा, 25 लाख रुपये मांगा मुआवजा, सात लाख में बनी सहमति

By :  prem kumar
Update: 2025-05-01 08:24 GMT
नर्स की तबीयत बिगडऩे के बाद मौत, निजी अस्पताल में तोडफ़ोड़, हंगामा, 25 लाख रुपये मांगा मुआवजा, सात लाख में बनी सहमति
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 भीलवाड़ा बीएचएन। शहर के एक निजी अस्पताल में कार्यरत नर्स की ड्यूटी के दौरान ही तबीयत बिगड़ गई, जिसकी बाद में मौत हो गई। इस घटना से गुस्साये परिजनों ने 25 लाख रुपये मुआवजे की मांग को लेकर अस्पताल में हंगामा करते हुये दरवाजे का शीशा भी तोड़ दिया। इतना ही नहीं, मुआवजा नहीं देने पर शव का अस्पताल में ही दाह-संस्कार करने की चेतावनी देते हुये लकडिय़ां भी लाकर डाल दी। इससे वहां माहौल गरमा गया। भीमगंज पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। शहर विधायक की मौजूदगी में दोनों पक्षों के बीच वार्ता के बाद सात लाख रुपये की सहायता राशि देने की बात पर सहमति बन गई।

भरत सिंह ने कहा कि उसकी मौसेरी बहन सुभाषनगर निवासी भारती कंवर 30 पिछले चार साल से निजी अस्पताल में नर्स के रूप में कार्यरत थी। भारती कल रात ड्यूटी पर थी। डेढ़ बजे भारती की तबीयत खराब हो गई। निजी अस्पताल से उन्हें कोई सूचना नहीं दी गई। सुबह साढ़े पांच बजे अस्पताल वालों ने भारती की मौत की सूचना दी। भरत ने कहा कि उनकी मांग 25 लाख रुपये मुआवजे की है।

उधर, भारती कंवर की मौत की खबर सुनकर परिजनों के साथ ही समाजजन निजी अस्पताल पहुंचे और मुआवजे की मांग को लेकर हंगामा व प्रदर्शन किया। इस दौरान अस्पताल के एक गेट का शीशा भी तोड़ दिया गया। इसके चलते वहां माहौल गरमा गया। उधर, मुआवजे को लेकर कोई बात नहीं बनने पर परिजनों व समाजजनों ने लाश का दाह-संस्कार अस्पताल परिसर में ही करवाने की चेतावनी देकर लकडिय़ां भी मंगवा ली। इससे वहां अफरा-तफरी मच गई। सूचना पर भीमगंज के साथ ही शहर के अन्य थानों से पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। शहर विधायक अशोक कोठारी, डीएसपी सिटी मनीष बडग़ुर्जर आदि मौके पर पहुंचे। बाद में विधायक कोठारी की मौजूदगी में अस्पताल प्रबंधन के साथ मृतका के परिजनों की बातचीत हुई। बाद में सात लाख रुपये के मुआवजे पर सहमति बन गई। इसके बाद ही माहौल शांत हो सका। उधर, अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि भारती रात 1.38 बजे तक आईसीयू में राउंड कर रही थी, जो बाद में सोने के लिए चली गई। रात तीन बजे करीब मेडिकल आईसीयू में एक सीरियस मरीज आने पर जब साथी कर्मचारी भारती को उठाने गये तो वह नहीं उठी। इसके चलते उसे वेंटीलेटर पर लिया जाकर इलाज शुरु किया, लेकिन उसकी जान जा चुकी थी। प्रबंधन ने परिजनों के लगाये लापरवाही के आरोपों को निराधार बताया है। 

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