निकाय चुनाव को फिलहाल रखा मुक्त: सोमवार को एक देश-एक चुनाव विधेयक लोकसभा में होगा पेश

Update: 2024-12-15 03:18 GMT

 

देशभर में एक साथ चुनाव कराने की कवायद के तहत सरकार 16 दिसंबर को लोकसभा में एक देश एक चुनाव से जुड़े दो विधेयक पेश करने वाली है। मसौदा विधेयक में बताया गया है कि एक साथ चुनाव कराना कई कारणों से जरूरी है। एक तो अलग-अलग चुनाव कराना बेहद खर्चीला है और पूरी प्रक्रिया में काफी समय लगता है। मसौदे में यह भी कहा गया कि बार-बार चुनावों की वजह से विकास कार्यों पर प्रतिकूल असर पड़ता है और और आम जनजीवन भी बाधित होता है।

संसद के निचले सदन में एक देश-एक चुनाव से जुड़े संविधान (129वां संशोधन) विधेयक और केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल की तरफ से पेश किए जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लोकसभा तथा राज्य विधानसभाओं के चुनाव साथ कराने से जुड़े संविधान संशोधन विधेयक को 12 दिसंबर को ही मंजूरी दी थी। मंत्रिमंडल ने जिन दो मसौदा विधेयकों को मंजूरी दी, उनमें एक लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने से संबंधित है, जबकि दूसरा विधानसभाओं वाले तीन केंद्र शासित प्रदेशों के चुनाव भी साथ ही कराने से जुड़ा है। संविधान संशोधन विधेयक पारित कराने के लिए सदन में दो तिहाई बहुमत की जरूरत होगी, जबकि दूसरे विधेयक के लिए सामान्य बहुमत जरूरी होगा।फिलहाल निकाय चुनावों को बाहर रखने का फैसला

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व वाली उच्चस्तरीय समिति ने तो लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के साथ चरणबद्ध तरीके से नगर निकाय और पंचायत के चुनाव कराने का भी प्रस्ताव दिया था लेकिन मंत्रिमंडल ने फिलहाल निकाय चुनावों को इससे बाहर रखने का फैसला किया है।

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