भजनलाल को बताया “सूटेबल”, पर सरकार को लताड़ा –: गहलोत बोले “माफिया राज, करप्शन और धोखाधड़ी से भर गई है राजस्थान की तस्वीर”

Update: 2025-09-22 07:51 GMT



भीलवाड़ा हलचल।

राजस्थान की राजनीति में हमेशा से अपने बयानों से हलचल मचाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को एक बार फिर सूबे की सियासत में नई ज्वाला जलाई। भीलवाड़ा में मीडिया से बातचीत करते हुए गहलोत ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सरकार को जहां “सूटेबल” बताया, वहीं कानून-व्यवस्था, रेत माफिया, बिजली, जीएसटी और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर जमकर प्रहार भी किए। गहलोत का यह अंदाज देखकर राजनीतिक हलकों में चर्चा छिड़ गई है कि आखिर उनके इन बयानों का असली मायना क्या है।


भजनलाल हमें सूट करते हैं”

 भीलवाड़ा में गहलोत ने प्रेस से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को लेकर चौंकाने वाला बयान दिया। उन्होंने कहा,

> “अभी तो डेढ़ साल हुआ है, पूरे पांच साल राज करो। आपको कौन रोक रहा है? हमको तो आप सूट करते हो। पंडित भजनलाल सबको सूट करते हैं। हम क्यों इनके खिलाफत करेंगे? हम चाहेंगे कि ये पूरे पांच साल चलें।”

केंद्र की प्रेरणा पर चल रही है भजनलाल सरकार

पूर्व मुख्यमंत्री ने तंज कसते हुए कहा कि भजनलाल शर्मा की सरकार केंद्र से निर्देश लेकर चल रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में जो एजेंडा तैयार होता है, वही एजेंडा राजस्थान में लागू कर दिया जाता है। यानी मौलिकता और स्वतंत्र सोच का अभाव है।

 कपासन में भीलवाड़ा के बजरी माफिया ने किया हमला

गहलोत ने कानून व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि रेत माफिया बेखौफ होकर पुलिस पर हमले कर रहे हैं।

> “कपासन में जिस युवक पर हमला हुआ, उस पर हमला करने वाले कोई और नहीं बल्कि भीलवाड़ा के बजरी माफिया बताए गए हैं। सरकार ने अब तक पीड़ित के इलाज के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। यह परिवार गरीब है, लेकिन इस देखने वाला कोई नहीं।”

उन्होंने साफ कहा कि उनके कार्यकाल में भी बजरी खनन की समस्या रही, लेकिन उन्होंने इसे रोकने की हर संभव कोशिश की। अब हालात इतने बिगड़ गए हैं कि पुलिस की जान तक खतरे में है।

डबल इंजन सरकार पर वार

गहलोत ने भाजपा की “डबल इंजन सरकार” को निशाने पर लेते हुए कहा कि यह सरकार केवल उद्घाटन करने और विज्ञापन छपवाने में व्यस्त है।

> “इनके पास जनता से मिलने का समय नहीं है। एक साथ कई योजनाओं का उद्घाटन कर देते हैं। बड़े-बड़े दावे करते हैं लेकिन हकीकत में काम ठप पड़े हैं।”

उन्होंने आरोप लगाया कि ठेकेदारों और विभागों को भुगतान तक नहीं किया जा रहा है। इसका असर विकास कार्यों पर पड़ रहा है।

बिजली के मुद्दे पर भेदभाव

गहलोत ने बिजली नीति पर भाजपा सरकार को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार में 100 यूनिट बिजली फ्री दी जाती थी और जिसके नाम रजिस्ट्रेशन था, उसे यह लाभ मिलता था।

> “भाजपा सरकार ने नए रजिस्ट्रेशन ही नहीं किए। यह सीधा भेदभाव है। जनता को बराबरी से सुविधाएं मिलनी चाहिए, न कि किसी वर्ग को वंचित रखा जाए।”

उन्होंने नए कनेक्शन रोकने के मामले को भी गंभीर बताया और कहा कि इससे आम लोगों में असंतोष फैल रहा है।


धीरज गुर्जर के आंदोलन का समर्थन

पूर्व मुख्यमंत्री ने हाल ही में भीलवाड़ा में धीरज गुर्जर के नेतृत्व में हुए जन अधिकार आंदोलन का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि गिरदावरी मुआवजे के मुद्दे पर किसानों को जो हक मिलना चाहिए था, उसके लिए आंदोलन करने की नौबत नहीं आनी चाहिए थी।

> “सरकार को चाहिए कि वह पिछले साल का बकाया मुआवजा तुरंत दे। किसानों की हालत खराब है और उन्हें राहत मिलनी ही चाहिए।”

“हम गौ भक्त, सेवा कांग्रेस करती है”

भाजपा पर कटाक्ष करते हुए गहलोत ने कहा,

> “ये लोग गौ भक्त बनने का दिखावा करते हैं, लेकिन सेवा हम करते हैं। कांग्रेस सरकार ने ही सबसे पहले गौशालाओं को अनुदान दिया था। आज भाजपा राज में अनुदान तक पूरा नहीं मिल पा रहा है। ये लोग भक्त बनने का नाटक करते हैं, जबकि असल सेवा कांग्रेस करती है।”

उन्होंने भीलवाड़ा में हुई मौत की घटनाओं पर भी सरकार को घेरा और कहा कि हर हमले और हादसे के पीछे ठोस जवाबदेही तय होनी चाहिए। गहलोत ने कहा- पशुओं को आहार नहीं मिल पा रहा है, किसानों को नुकसान हो रहा है। उन्हें चाहिए कि एजेंसियों को पाबंद करें। लोगों की गिरदावरी समय पर हो, उनके लिए बीज और पशु आहार की व्यवस्था हो। पिछले साल जो खराबा हुआ था, उसका मुआवजा सरकार अब तक नहीं दे पाई है, यह हालात काफी बुरे हैं।

जीएसटी पर बड़ा बयान

गहलोत ने जीएसटी व्यवस्था पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि शुरुआत में एक ही स्लैब रखने का वादा था, लेकिन बाद में कई स्लैब बना दिए गए।

> “इससे व्यापारियों में आतंक फैल गया है। सरकार को चाहिए कि व्यापारियों की तकलीफ समझे, लेकिन इसके बजाय और बोझ डाला जा रहा है।”

उन्होंने हालिया बंद को लेकर भी सरकार पर तंज किया और कहा कि 50 करोड़ का बंद कराने की बजाय यह राशि प्रधानमंत्री फंड में दी जानी चाहिए थी।

वसुंधरा पर टिप्पणी – “तो और मजा आता”

जब पत्रकारों ने पूछा कि अगर वसुंधरा राजे सत्ता में होतीं तो क्या फर्क पड़ता? गहलोत ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया:

> “वसुंधरा पुरानी और समझदार नेता हैं। अगर वे सत्ता में होतीं तो राजनीति करने का और मजा आता।”

उनके इस बयान ने राजनीतिक हलकों में नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है।

राहुल गांधी को लेकर बोले – “दुनिया सुनती है”

वोट चोरी और ईवीएम मुद्दे पर गहलोत ने राहुल गांधी का बचाव किया। उन्होंने कहा,

> “राहुल गांधी जब बोलते हैं तो पूरी दुनिया सुनती है। वोट चोरी का अभियान तेजी पकड़ रहा है। लेकिन जब आरोप लगते हैं तो भाजपा जवाब देने की बजाय चुनाव आयोग से कहलवाती है। इससे साफ है कि दोनों में मिलीभगत है।”

विज्ञापन पर बेतहाशा खर्च

पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार विज्ञापनों पर करोड़ों खर्च कर रही है।

> “अखबारों के पन्ने विज्ञापनों से भरे हुए हैं, लेकिन जनता को योजनाओं का वास्तविक लाभ नहीं मिल रहा। आयुष्मान योजना पर भी केवल प्रचार हो रहा है, धरातल पर काम नहीं।”

“भजनलाल सतर्क रहें” – गहलोत की हिदायत

बातों-बातों में मुख्यमंत्री की तारीफ करने वाले गहलोत ने अंत में उन्हें सतर्क रहने की हिदायत भी दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को अपनी इंटेलिजेंस को मजबूत करना चाहिए और हर पखवाड़े रिपोर्ट लेकर यह जांच करनी चाहिए कि विपक्ष जिन मुद्दों को उठा रहा है उनमें दम है या नहीं।

> “जिलों में जनता की सुनवाई नहीं हो रही, माफिया और गुंडागर्दी हावी हो रहे हैं। मुख्यमंत्री को चाहिए कि खुद मॉनिटरिंग करें।”

कांग्रेस नेताओं की मौजूदगी

इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव धीरज गुर्जर, जिला अध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी, ओम नारानीवाल, अनिल डांगी, मधु जाजू,  दुर्गेश शर्मा,महेश सोनी, मंजू पोखरना सहित कई वरिष्ठ कांग्रेस नेता मौजूद रहे।

अशोक गहलोत के बयान एक बार फिर राजस्थान की राजनीति में नई हलचल पैदा कर गए हैं। उन्होंने जहां भजनलाल शर्मा को “सूटेबल” कहकर अप्रत्याशित टिप्पणी की, वहीं कानून व्यवस्था, बिजली, बजरी माफिया, भ्रष्टाचार और किसानों के मुद्दों पर भाजपा सरकार की कड़ी आलोचना भी की। गहलोत की यह “गुगली” शैली की राजनीति फिर साबित करती है कि वे सीधे-सीधे बात नहीं कहते, बल्कि ऐसे बयान देते हैं जिनके मायने निकालने में पूरे राजनीतिक हलके को माथापच्ची करनी पड़ती है।


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