जाट के शपथ ग्रहण में आई कांग्रेस में गुटबाज़ी खुलकर सामने !: भीलवाड़ा में ऐसे तो नहीं होंगे राहुल गांधी के सपने पूरे !

Update: 2025-11-27 13:08 GMT

भीलवाड़ा राजकुमार माली

कांग्रेस संगठन को मजबूत करने और राहुल गांधी के जनसंवाद व एकजुटता के सपने को साकार करने का दावा करने वाली भीलवाड़ा कांग्रेस की हकीकत गुरुवार को खुले मंच पर दिखाई दे गई। देहात जिला कांग्रेस अध्यक्ष के पदभार ग्रहण समारोह में कई प्रमुख नेता गैरहाज़िर रहे, जिससे पार्टी के अंदरूनी मतभेद एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं।

जिला कांग्रेस कार्यालय में आयोजित समारोह में रामलाल जाट ने देहात जिला कांग्रेस अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया। लेकिन कार्यक्रम में कई वरिष्ठ नेताओं की गैरमौजूदगी ने पूरे आयोजन को चर्चा का विषय बना दिया।

 काग्रेस के राष्ट्रीय सचिव धीरज गड़बड़ माने जाने वाले नव नियुक्त जिलाअध्यक्ष  शिवराम खटीक ,शाहपुरा से विधायक प्रत्याशी नरेंद्र  कार्यक्रम में नहीं दिखे।प्रदेश प्रतिनिधि मनोज पालीवाल, याकूब मोहम्मद, राजेश चौधरी, सेवादल के जिलाध्यक्ष योगेश सोनी, कुणाल ओझा,  हाल ही बनाए मंडल अध्यक्ष जितेंद्र दरयानी, मनीष बंम, सत्यनारायण तोतला समेत कई चेहरे भी नदारद रहे।इस अनुपस्थिति ने कार्यकर्ताओं के बीच एक ही सवाल खड़ा कर दिया—

"राहुल गांधी की एकता की मुहिम को भीलवाड़ा कांग्रेस आखिर कैसे आगे बढ़ाएगी?"

गुटबाज़ी की चर्चा तेज, गलत संदेश गया जनता के बीच

शहर में इतने बड़े कार्यक्रम में कांग्रेस के ही पदाधिकारियों का अनुपस्थित रहना गुटबाज़ी के स्पष्ट संकेत के रूप में देखा जा रहा है। कार्यकर्ताओं और राजनीतिक जानकारों के बीच यह चर्चा तेज है कि भीलवाड़ा कांग्रेस अभी भी एकजुट नहीं दिखती, जबकि प्रदेश नेतृत्व पार्टी को मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।

राहुल गांधी लगातार पैदल यात्राओं और जनसंवाद के जरिए संगठन में नई ऊर्जा लाने की कोशिश कर रहे हैं, पर भीलवाड़ा में हालात अभी भी पुराने ढर्रे पर ही दिखाई देते हैं।

भाजपा को मिल सकता है सीधा फायदा

कांग्रेस के इस अंदरूनी मनमुटाव से भाजपा को सीधा राजनीतिक लाभ मिलता दिखाई दे रहा है। कार्यकर्ताओं के बीच यह भी चर्चा है कि यदि गुटबाज़ी ऐसे ही बनी रही, तो आगामी नगर निगम और पंचायत चुनावों में पार्टी को नुकसान तय है।

कांग्रेस की "भीतरी घात" (अंदरूनी खींचतान) और असहयोग को लेकर भी चर्चाएं हवा में तैर रही हैं।

कुल मिलाकर, पदभार ग्रहण समारोह के पहले ही दिन कांग्रेस की एकजुटता पर सवालिया निशान लग गए हैं।

अब निगाहें इस पर

अब जिला अध्यक्ष शिवराम खटीक के शपथ ग्रहण समारोह के कार्यक्रम पर कांग्रेस के साथ लोगों की निगाहें लगी हे। दोनों शपथ ग्रहण समारोह में क्या बदलाव दिखाई देता है, इसकी भी चर्चाएं शुरूहो गई है


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