डिजिटल अरेस्ट के जरिये महिला डॉक्टर से 87 लाख रुपये की ठगी, कस्टम ऑफीसर बनकर दिया वारदात को अंजाम

By :  prem kumar
Update: 2024-09-20 09:37 GMT

 राजस्थान के जोधपुर के एक डॉक्टर के साथ डिजिटल अरेस्ट के जरिए 87 लाख की ठगी को अंजाम दिया । यह इस महीने में है दूसरी बड़ी ठगी है । अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त वीरेंद्र सिंह ने राठौड़ ने कहाकि साइबर ठगों ने महिला डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट कर उनसे 87 लाख रुपए की ठगी कर ली। ।फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी।

बता दें कि साइबर ठगो ने सबसे नए तरीके डिजिटल अरेस्ट के माध्यम से सुभाष चौक, जोधपुर निवासी महिला डॉक्टर से 87 लाख रुपए की अधिक की ठगी की। शातिर ठगो ने अपने आप को क्राइम ब्रांच का बड़ा अधिकारी बताकर महिला से ठगी को अंजाम दिया । शातिर ठगो ने कहा कि आपका एक पार्सल हमें मिला है, जिसमें कई अवैध दस्तावेज के साथ एटीएम और गैरकानूनी ड्रग हैं । इसके बाद यह डॉक्टर घबरा गई। डॉक्टर ने जैसा ठग कहता रहा वैसे-वैसे महिला करती रही । डॉ महिला ने बताया कि उसके पास अनजान नंबर से कॉल आया और कस्टम अधिकारी बनकर उससे बात की गई । उसने बताया कि उनके पास एक पार्सल मिला है जिसमें एटीएम कार्ड तथा ड्रग्स मिला है । ठग ने खुद को प्रमोद अग्रवाल बताया । ठग के कहे अनुसार उसने किसी को नहीं बताया साथ ही उसे ठगने महिला डॉक्टर से कहा कि अगर आपने पैसे नहीं दिए तो 3 साल की जेल होगी अगर आप बचाना चाहते हैं तो जैसा हम कहीं वैसा करते रहिए ।

ठगो के अनुसार महिला ने अपनी एफडी, जमीन व मकान के कागजात तक व्हाट्सएप के द्वारा ठगों को भिजवा दिये । इसके बाद ठगो ने फिर से उसे कॉल किया और जैसा ठग बता रहा था वैसे-वैसे महिला करती गई । पहले उसने 51 लाख रुपए भेजें । फिर उसने 21 लाख रुपए की एफडी तुड़वाकर पैसे भिजवा दिए। इस तरीके से महिला ने कुल 87 लाख रुपए का अमाउंट ठगो को भिजवा दिया। महिला डॉक्टर को को ठगों ने 15 दिन तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा । वहीं महिला जब ठगों के जाल से बची तो फिर उसने अपने किसी रिश्तेदार को एक माह बाद इसके बारे में जानकारी दी ।

रिश्तेदार के कहने पर कल रातानाडा थाने पहुंचकर मुकदमा दर्ज करवाया । फिलहाल पुलिस मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच में जुट गई है । बता दें कि यह मामला 31 अगस्त का है। 

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