भीलवाड़ा में फिर डीजीजीआई की बड़ी कार्रवाई: A1 सेल्स सहित तीन प्रतिष्ठानों पर छापे, टैक्स चोरी और फर्जी बिलिंग की जांच तेज
भीलवाड़ा हलचल।
भीलवाड़ा में कर चोरी और अवैध लेन-देन पर शिकंजा कसते हुए डीजीजीआई (Directorate General of GST Intelligence) की टीम ने शनिवार को एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की। इस बार कार्रवाई का केंद्र शहर के चर्चित होलसेल कारोबारी A1 सेल्स रहा। टीम ने सरकी मोहल्ला स्थित कार्यालय और गोदाम पर पहुंचकर दस्तावेजों व लेन-देन की बारीकी से जांच शुरू की। इसके साथ ही शहर के दो अन्य प्रतिष्ठानों पर भी छापेमारी की गई, जिससे कारोबारी जगत में हड़कंप मच गया।
कार्रवाई का तरीका
सुबह करीब 8 बजे उदयपुर से आई टीम ने बिना किसी पूर्व सूचना के प्रतिष्ठान में एंट्री की। कर्मचारियों और प्रबंधन से प्रारंभिक पूछताछ की गई और उसके बाद कम्प्यूटर सिस्टम, बिल-बुक, जीएसटी रजिस्ट्रेशन और स्टॉक से जुड़े रिकॉर्ड की पड़ताल शुरू हुई। सूत्रों के अनुसार, टीम डिजिटल डाटा की भी कॉपी तैयार कर रही है ताकि आगे की जांच में टैक्स चोरी या फर्जी बिलिंग की पुष्टि की जा सके।
पूर्व की कार्रवाइयों का सिलसिला
यह कोई पहली बार नहीं है जब भीलवाड़ा में इस तरह की कार्रवाई हुई हो। पिछले दो वर्षों में जीएसटी और डीजीजीआई की टीमों ने कई बड़े कारोबारी घरानों पर दबिश दी है। उन कार्रवाइयों में करोड़ों रुपये के अनियमित लेन-देन, टैक्स चोरी और फर्जी बिलिंग के मामले सामने आए थे। कई प्रतिष्ठानों से भारी मात्रा में दस्तावेज जब्त किए गए थे और कुछ व्यापारियों पर पेनल्टी लगाई गई थी।
विशेष रूप से पिछले वर्ष की गई कार्रवाई में एक बड़े ग्रुप से लगभग 40 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का मामला उजागर हुआ था। वहीं, कुछ अन्य कंपनियों पर फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) लेने और बिना माल खरीदे बिल बनाकर टैक्स लाभ उठाने के गंभीर आरोप लगे थे। इन मामलों में कई कारोबारी अभी भी जांच के दायरे में हैं और कुछ से करोड़ों रुपये की रिकवरी भी की गई थी।
कारोबारियों में दहशत का माहौल
लगातार छापेमारियों से भीलवाड़ा के कारोबारी जगत में खामोशी और दहशत का माहौल बना हुआ है। जानकारी के अनुसार, कुछ कारोबारी तो कार्रवाई की आशंका से भूमिगत हो गए हैं। बाजारों में सामान्य दिनों की तुलना में सन्नाटा देखा गया और कई प्रतिष्ठानों ने एहतियातन अपने कारोबार को अस्थायी तौर पर बंद कर दिया।
एक स्थानीय व्यापारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि “जांच का माहौल ऐसा है कि हर कोई खुद को सुरक्षित करने में लगा है। टैक्स चोरी करने वाले व्यापारी अब खुलकर कारोबार नहीं कर पा रहे हैं और ईमानदारी से काम करने वाले व्यापारी भी जांच की आंच से बचने को लेकर सशंकित हैं।”
क्या कहते हैं जानकार
कर विशेषज्ञों का मानना है कि भीलवाड़ा वस्त्र उद्योग और होलसेल कारोबार का बड़ा केंद्र है। यहां बड़े पैमाने पर माल की खपत और सप्लाई होती है। ऐसे में टैक्स चोरी या फर्जी बिलिंग की संभावनाएं ज्यादा रहती हैं। यही कारण है कि विभाग समय-समय पर छापेमारी कर आंकड़ों का मिलान करता है।
एक जीएसटी कंसल्टेंट ने कहा कि “फर्जी आईटीसी लेना, बिना माल खरीदे बिल बनाना और कम स्टॉक दिखाकर टैक्स चोरी करना आम तरीक़े हैं। डीजीजीआई की टीम इन्हीं पैटर्न्स को पकड़ने के लिए काम करती है। अगर वर्तमान कार्रवाई में कोई बड़ा घोटाला सामने आता है, तो करोड़ों की रिकवरी संभव है।”
आगे की जांच
डीजीजीआई की टीम फिलहाल A1 सेल्स और अन्य प्रतिष्ठानों से मिले दस्तावेजों की जांच में जुटी है। प्रारंभिक तौर पर टीम को कुछ लेन-देन संदिग्ध लगे हैं, लेकिन आधिकारिक बयान अभी तक जारी नहीं किया गया है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, आने वाले दिनों में भी कई और प्रतिष्ठान जांच के दायरे में आ सकते हैं।
भीलवाड़ा में हुई यह ताज़ा कार्रवाई इस बात का संकेत है कि टैक्स चोरी और फर्जी बिलिंग के मामलों पर सरकार और विभाग लगातार सख्ती बरत रहे हैं। पूर्व में उजागर हुए करोड़ों रुपये के मामलों और अब की जा रही जांच से यह साफ है कि व्यापारियों को पारदर्शी लेन-देन की राह पर चलना ही होगा।
आज की छापेमारी ने न केवल पुराने मामलों की याद दिला दी है, बल्कि कारोबारियों के बीच यह संदेश भी साफ कर दिया है कि नियम तोड़ने वालों पर अब शिकंजा और कड़ा होगा।
