अदालत का फैसला-: गांजा तस्करी मामले में उदयपुर के चार तस्करों को 15-15 साल की कैद

Update: 2025-09-18 12:21 GMT

 भीलवाड़ा बीएचएन। गांजा तस्करी के एक मामले में उदयपुर के चार तस्करों को 15-15साल की सजा और डेढ़-डेढ़ लाख रुपये के जुर्माने से दंडित किया गया। फैसला, विशिष्ट न्यायाधीश (एनडीपीएस एक्ट प्रकरण) जगदीशप्रसाद शर्मा ने सुनाया।

प्रकरण के अनुसार, पुर थाने के तत्कालीन प्रभारी ने 14 सितंबर 2021 को मुखबिर सूचना पर पुर चौराहे पर नाकाबंदी की। इस दौरान एक फोर्ड फीगो कार एक लोडिंग टेंपो को एस्कॉर्ट करते हुये आई, उसे पुलिस ने रोका। पुलिस ने कार में बैठे लोगों से पूछताछ की तो चालक ने खुद को सेक्टर 5 प्रभातनगर, उदयपुर निवासी आशु तलरेजा पुत्र छतुराम सिंधी व पास बैठे व्यक्ति ने बंबोरा, पुलिस थाना कुराबड़, उदयपुर निवासी दयाराम पुत्र नारायणदास वैष्णव बताया। इन लोगों ने लोडिंग टेंपो में गांजा होने की बात कबूली। इसी दौरान लोडिंग टेंपो आया। उसे रोका और चालक से पूछताछ की तो उसने खुद को सवीना, रोशनजी की बाड़ी, हिरणमंगरी निवासी नारायण पुत्र हरिशंकर मीणा व खलासी सीट पर बैठे व्यक्ति ने सराड़ा थाने के सलाड़ा, उदयपुर निवासी देवीलाल पुत्र शंकरलाल बताया। पुलिस ने टेंपो को चेक किया तो उसमें 13 कट्टों में 560 किलो 800 ग्राम गांजा मिला। पुलिस ने दोनों वाहनों सहित गांजा जब्त कर चारों आरोपितों को गिरफ्तार कर प्रकरण दर्ज किया। पुलिस ने मामले में जांच के बाद आरोपितों के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट पेश की। न्यायालय में ट्रायल के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से विशिष्ट लोक अभियोजक रामस्वरुप गुर्जर ने 12 गवाहों के बयान करवाते हुये 192 दस्तावेज पेश कर चारों आरोपितों पर लगे आरोप सिद्ध करवाये। सुनवाई पूरी होने पर न्याायलय ने चारों आरोपितों को 15-15 साल के कठोर कारावास और डेढ़-डेढ़ लाख रुपये जुर्माने से दंडित किया।

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