कलेक्टर्स के फर्जी वॉट्सऐप अकाउंट बने : IAS अधिकारियों की फोटो लगाकर लिख दिया ‘डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर’, एसडीएम और बीएलओ को भेजे मैसेज
चित्तौड़गढ़। राजस्थान के चार जिलों के कलेक्टर्स के नाम से फर्जी वॉट्सऐप अकाउंट बनाए जाने का मामला सामने आया है। चित्तौड़गढ़, झालावाड़, डूंगरपुर और प्रतापगढ़ के कलेक्टर्स की फोटो लगाकर उनके नाम से एसडीएम, बीएलओ और परिचितों को संदेश भेजे गए।
जिन अधिकारियों के नाम से फेक अकाउंट बनाए गए हैं उनमें चित्तौड़गढ़ कलेक्टर आलोक रंजन, झालावाड़ कलेक्टर अजयसिंह राठौड़, डूंगरपुर कलेक्टर अंकित कुमार सिंह और प्रतापगढ़ कलेक्टर अंजलि राजोरिया शामिल हैं। चित्तौड़गढ़ कलेक्टर आलोक रंजन ने बताया कि उनके नाम से वॉट्सऐप अकाउंट बनाकर एसडीएम और बीएलओ को मैसेज भेजे गए। उन्होंने बताया कि इस पर कोई FIR नहीं करवाई, लेकिन पुलिस को सुचना दी है। साथ ही सोशल मीडिया पर स्टेटस लगाकर लोगों को सतर्क किया है।
फर्जी अकाउंट्स में कलेक्टर्स की असली फोटो लगाई गई है और प्रोफाइल में ‘डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर’ लिखकर विश्वसनीयता बढ़ाने की कोशिश की गई। इन अकाउंट्स से परिचितों को ‘Hello, How are you doing? Where are you at the moment?’ जैसे मैसेज भेजे गए।
जैसे ही अधिकारियों को जानकारी मिली, उन्होंने तुरंत अपने वॉट्सऐप, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर स्टेटस लगाकर लोगों को सावधान किया। डूंगरपुर कलेक्टर अंकित कुमार सिंह और प्रतापगढ़ कलेक्टर अंजलि राजोरिया ने नंबर शेयर कर उसे ब्लॉक और रिपोर्ट करने की अपील भी की।
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार यह नेटवर्क वियतनाम से संचालित होने की आशंका है। चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़ सहित संबंधित जिलों की पुलिस साइबर तकनीकी टीम की मदद से यह पता लगाने में जुटी है कि अकाउंट कहां से बनाए गए और मैसेज किसने भेजे।
प्रशासन की अपील
पुलिस और प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि किसी संदिग्ध नंबर से मैसेज आए तो उसे नजरअंदाज करें और तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत करें। अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया है कि कोई भी प्रशासनिक अधिकारी कभी भी सोशल मीडिया के माध्यम से आर्थिक मदद नहीं मांगता।
