हनुमानगढ़ में किसान आंदोलन बेकाबू,: पुलिस से भिड़ंत; 16 वाहन जलाए, आंसू गैस के गोले छोड़े, विधायक घायल
हनुमानगढ़ जिले में बुधवार को बड़ा बवाल हो गया। किसानों और पुलिस के बीच हुई झड़प अचानक हिंसक हो गई, जिसके बाद हालात काबू से बाहर हो गए। प्रदर्शनकारी किसानों ने उग्र रूप लेते हुए 16 वाहनों को आग के हवाले कर दिया। जवाब में पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े। घटनाओं की श्रृंखला में कांग्रेस विधायक भी घायल हो गए।
किसान एक फैक्ट्री के विरोध में लामबंद थे। उनका आरोप था कि फैक्ट्री से निकलने वाला कचरा और धुआं आसपास के खेतों व गांवों को नुकसान पहुंचा रहा है। बुधवार को बड़ी संख्या में किसान फैक्ट्री के बाहर जमा हुए और प्रदर्शन शुरू किया। भीड़ बढ़ते ही माहौल तनावपूर्ण होने लगा।
किसान फैक्ट्री का विरोध करते हुए गेट की तरफ बढ़े। इसी दौरान विवाद बढ़ गया और प्रदर्शनकारियों ने फैक्ट्री की दीवार को तोड़ दिया। पुलिस ने जब उन्हें रोकने की कोशिश की, तो दोनों पक्षों में तीखी झड़प हो गई। हालात और बिगड़ते चले गए और भीड़ में शामिल उग्र तत्वों ने पुलिस के वाहनों सहित करीब 16 गाड़ियों में आग लगा दी।
पुलिस ने भीड़ को काबू करने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल किया। कई किसान और पुलिसकर्मी इस दौरानपुलिस ने भीड़ को काबू करने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल किया। कई किसान और पुलिसकर्मी इस दौरान घायल हो गए। भीड़ को समझाने पहुंचे कांग्रेस विधायक भी मौके पर हुई धक्का-मुक्की में घायल हो गए।
पूरे इलाके में तनाव का माहौल है। घटना के बाद अतिरिक्त पुलिस बल बुला लिया गया है और हालात पर नजर रखी जा रही है। प्रशासन ने किसानों से शांति बनाए रखने और बातचीत के लिए आगे आने की अपील की है।विधायक अभिमन्यु पूनिया बोले – प्रशासन रोक सकता था हिंसा
संगरिया विधायक अभिमन्यु पूनिया ने घटनास्थल पर हुए हमले के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शुरुआत से संघर्ष समिति के साथ खड़ी है और आगे पार्टी अपने स्तर पर कलेक्ट्रेट का घेराव करेगी।
विधायक पूनिया ने आरोप लगाया कि प्रशासन यदि वार्ता के लिए आगे आता तो हिंसा को रोका जा सकता था। उन्होंने आशंका जताई कि सरकार की ओर से ही भीड़ में कुछ लोगों को भेजकर हालात बिगाड़े गए, ताकि लाठीचार्ज की नौबत लाई जा सके। उन्होंने बताया कि झड़प में उनके सिर में चोट आई है और तीन टांके लगे हैं।
पुलिसकर्मियों के निजी वाहन भी जले
प्रशासन की सूचना के साथ यह भी सामने आया है कि जिन 10 निजी वाहनों में आग लगाई गई उनमें कुछ पुलिसकर्मियों के निजी वाहन भी शामिल हैं। आंदोलनकारियों ने कुल 1 जेसीबी, 7 कार और 2 बाइक जलाने की बात स्वीकार की है। इनमें एक वाहन सरकारी पुलिस गाड़ी है, जबकि बाकी निजी हैं। पुलिस इस संबंध में आधिकारिक बयान देने से बच रही है।
टिब्बी क्षेत्र में तनाव अब भी बना हुआ है। अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है और हालात पर कड़ी नजर रखी जा रही है। प्रशासन लोगों से शांति बनाए रखने और उकसावे में न आने की अपील कर रहा है।
