दिवाली कब मनाएं? 20 या 21 अक्टूबर! जानिए गोवर्धन पूजा तक क्या रहेंगे मुहूर्त
दिवाली को लेकर इस बार लोगों में थोड़ा भ्रम है क्योंकि पंचांग में दो दिन अमावस्या तिथि दर्ज हो रही है। ज्योतिषीय गणनाओं और धर्मशास्त्रों के अनुसार महालक्ष्मी पूजन का श्रेष्ठ मुहूर्त 20 अक्टूबर 2025 की रात को ही बन रहा है। इस दिन प्रदोष काल, अमावस्या तिथि, निशीथ काल, वृषभ लग्न और सिद्धि योग एक साथ पड़ रहे हैं, जो दिवाली पूजन के लिए दुर्लभ और अत्यंत शुभ संयोग माना जाता है।
क्यों खास है 20 अक्टूबर 2025
इस दिन कार्तिक कृष्ण अमावस्या होगी, नक्षत्र स्वाति रहेगा और चंद्रमा तुला राशि में रहेगा। इस योग में लक्ष्मी, गणेश और कुबेर पूजन से धन-समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
दिवाली पूजन मुहूर्त (20 अक्टूबर 2025)
* प्रदोष काल:** शाम 5:46 से रात 8:18 बजे तक
* लक्ष्मी पूजन:** शाम 7:08 से रात 8:18 बजे तक
* वृषभ लग्न:** रात 7:29 से 9:26 बजे तक
* सिंह लग्न (मध्यरात्रि पूजन):** रात 1:57 से 4:12 बजे तक
शास्त्रों में कहा गया है—
अमावास्यायां तु प्रदोषकाले दीपदानं विशेषतः। लक्ष्म्यै च विधिवद् पूजां धनधान्यप्रदं स्मृतम्॥”**
(अर्थ: अमावस्या की प्रदोष वेला में विधिपूर्वक लक्ष्मी पूजन और दीपदान करने से धन, धान्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है।)
दिवाली पर्व का पूरा कैलेंडर
* 18 अक्टूबर:** धनतेरस
* 19 अक्टूबर:** नरक चतुर्दशी
20 अक्टूबर:** महालक्ष्मी पूजन (मुख्य दिवाली)
* **21 अक्टूबर:** दीप उत्सव, गृह पूजन, पारिवारिक आयोजन
* **22 अक्टूबर:** गोवर्धन पूजा
* **23 अक्टूबर:** भाई दूज
21 अक्टूबर को क्या करें?
21 अक्टूबर को दीप सज्जा, घर की शोभा बढ़ाना और पारिवारिक पूजा-उत्सव मनाना शुभ रहेगा। लेकिन लक्ष्मी पूजन 20 अक्टूबर की रात में ही करना शास्त्रसम्मत और अधिक फलदायक माना गया है।
