शबरी की भक्ति विश्वास और समर्पण अद्वितीय था पंचोली

Update: 2024-07-19 07:54 GMT

आकोला(रमेश चंद्र डाड) शबरी की भक्ति, विश्वास और समर्पण अद्वितीय था इसलिए भगवान राम स्वयं चल कर शबरी की कुटिया तक गए। भगवान ने शबरी को नवदा भक्ति का ज्ञान प्रदान किया।

उक्त विचार बरुन्दनी के आखरिया बस स्टैण्ड स्थित सारस्वत मंगलभवन में आयोजित संगीतमय राम कथा के अंतर्गत कथा वाचक मुरली धर पंचोली ने प्रकट किए। उन्होंने कहा कि भगवान राम ने वन गमन के दौरान अनेकानेक प्राणियों का उद्धार किया । जाने अनजाने जिसने पाप कर्म किए उसका भी उद्धार करते हुए उच्च मापदण्ड स्थापित किए। भगवान राम जाति पांती,भेदभाव , ऊंच नीच , राग द्वेष से कोसों दूर थे। राम ने शबरी के झूठे बेर तक सेवन किए। यही उनकी महानता का प्रतीक है। अष्टावक्र का उद्धार ,मतंग ऋषि के आश्रम , शबरी की कुटिया पर जाना, भगवान राम हनुमान मिलन, बाली का उद्धार , सुग्रीव का राज्याभिषेक , हनुमान जी का लंका प्रस्थान सहित अन्य प्रसंगों की सारगर्भित व्याख्या की। कथा का समापन शनिवार को होगा । कथा श्रवण के लिए आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आ रहे है।

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