पुलिस के पद का दुरुपयोग कर बनाये झुठे मुकदमें में न्यायालय ने आरोपित को किया उन्मोचित,सीसीटीवी से हुआ खुलासा

By :  prem kumar
Update: 2024-07-24 17:54 GMT

 भीलवाड़ा बीएचएन। सुभाषनगर पुलिस की ओर से बनाये गये आबकारी एक्ट के एक मुकदमे में आरोपित को न्यायिक मजिस्ट्रेट तीन ने उन्मोचित कर दिया। कारण, पुलिस ने यह केस पद का दुरुपयोग कर बनाया, जिसका खुलासा सीसी टीवी फुटेज से हुआ।

आरोपित के अधिवक्ता ने बताया कि प्रकरण सुभाष नगर थाने का है । 16 नवंबर 23 को उपनिरीक्षक दिलीप सहल 11.39 पीएम पर गश्त पर रवाना हुये। 17 नवंबर की रात 12.5 बजे नारायणी माता सर्किल पहुंचने पर मुखबिर से सूचना मिली कि सिंदरी के बालाजी क्षेत्र में रहने वाला आरोपित सफेद टीशर्ट काला लोअर पहनकर अपने घर के बारह सडक़ पर शराब बेच रहा है। इस पर थानेदार सहल समय 12.30 एएम पर सिंदरी के बालाजी पहुंचे जहां मुखबीर के बताए अनुसार एक व्यक्ति सडक किनारे खडा दिखाई दिया। जिसके पास एक सफेद कट्टे में सामान था। शख्स को घेरा देकर रोका और कट्टा खोलकर देखा तो उसमे बीयर की 20 बोतले व देशी सादा शराब क प्लास्टिक के 90 पव्वे मिले। इसके चलते आरोपित को गिरफ्तार कर आबकारी अधिनियम में केस दर्ज किया।

इस मामले की एफआईआर के संबध मे एक प्रार्थना पत्र मय साक्ष्य 21 नवंबर.2023 को प्रस्तुत किया था। जिसमें आरोपित के अधिवक्ता ने न्यायालय को अवगत करवाया गया कि उक्त एफ आई आर के अनुसार प्रकरण में उल्लेखित समय 12.30 ए एम व थाने पर सूचना समय 02.21 ए एम दर्शाया गया है और सडक किनारे माल का बरामद होना बताया गया है जो कि रिपोर्ट व तथ्य मनगढ़त व आरोपित को जान बूझकर झूठे मुकदमे में फंसाने के लिए दर्ज की गई है।

पुलिस एक बोलरो गाडी व एक अन्य जीप थार में सवार हो रात्रि के समय बिना वारण्ट के अवैध रूप से समय 11.30 पीएम के आस पास पुलिस वर्दी व सादा पौशाक में आरोपित के निवास में प्रवेश किया। जबरन अधिकारों का दुरूपयोग करते हुए अवैध रूप से मकान में जाकर आरोपित को जबरन घर से उठाकर ले गए। जिसकी सीसीटीवी फुटेज अनुसार समय लगभग 11.32 पीएम 16 नवंबर.2023 पत्रावली में प्रस्तुत था।

इन सभी साक्ष्यों को व प्रार्थना पत्र पर न्यायालय न पाया गया कि अनुसंधान अधिकारी दिलीप सहल द्वारा आरोपित को 11.30 पीएम पर उसके घर से सरकारी वाहन में बैठाकर ले जाया गया है। ऐसे में उक्त तथ्य अनुसंधान अधिकारी द्वारा दी गई सम्पूर्ण पुलिस कार्यवाही के विपरीत है। चूकि अनुसंधान अधिकारी द्वारा प्रकरण में जो घटनाक्रम बताया गया है उससे पूर्व ही 11. 30 पीएम पर आरोपित को अनुसंधान अधिकारी उसके घर से सरकारी वाहन में बैठाकर ले जा चुका था । इससे दिलीप सहल के द्वारा अपने पद का दुरूपयोग स्पष्ट रूप से साबित करती है। अत: न्यायालय द्वारा विभागीय कार्यवाही के आदेश दिए गए थे । उक्त प्रकरण में उक्त आदेश की पालना में दिलीप सहल व अन्य पुलिस जाप्ता के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही नियम 17 सीसीए प्रांरभ की गई। सम्पूर्ण जांच बयान गवाह व रीसीटीटी के फुटेज से 16 नवंबर 2023 की रात्रि समय 11.30 पीएम पर थानेदार दिलीप सहल मय पुलिस जाप्ता आरोपित के घर में प्रवेश कर उसे सरकारी जीप में बैठाकर थाने पर ले जाना प्रमाणित पाया गया।

इसके उपरांत भी पुलिस थाना सुभाष नगर भीलवाड़ा द्वारा उक्त मामले में आरोपित के खिलाफ़ चालान पेश कर दिया था। न्यायालय ने इस संबध में प्रस्तुत दस्तावेज सीसीटीवी फुटेज का अवलोकन किया जिससे जाहिर था कि पुलिस द्वारा विकास को उसके निवास स्थान पर 11.30 पीएम को लाया गया था। सीसीटीवी में यह भी स्पष्ट है कि जब आरोपित को पुलिस द्वारा ले जाया जा रहा था, उस समय उसके पास कुछ नहीं था। फिर भी झूठा प्रकरण दर्ज किया गया।

आरोपित के विरूद्ध कोई प्रथम द्रष्टया मामला आरोप लगाए जाने केलिये उसके पास से उक्त बोतलें बरामद की हो, ऐसा कोई दस्तावेज पत्रावली पर न्यायालय के समक्ष नहीं होने से न्यायालय ने आरोपित को उन्मोचित कर दिया।

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