शनि प्रदोष पर किय गंगाजल से सहस्त्राभिषेक
श्रावण मास में समस्त सृष्टि का कार्यभार भगवान शिव के पास होता है। इस पावन माह में शिव पृथ्वी पर आते हैं और इसलिए उनकी कृपा पाने के लिए यह उत्तम महीना है।इसमें गंगा जल से शिव जलाभिषेक से कई गुना पुण्य प्राप्त होता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार गंगाजल से शिव सहस्त्राभिषेक करने की कामना के साथ एक कदम गंगा तट की ओर बढ़ाने से अश्वमेघ यज्ञ का फल प्राप्त होता है।
अध्यक्ष सोहन वैष्णव ने बताया की 11 पंडितों के द्वारा
सिधेश्वर महादेव मंदिर आर सी व्यास कॉलोनी भीलवाड़ा में शनिवार को शनि प्रदोष तिथि को हरिद्वार से गंगाजल का टेंकर मंगाकर सहस्त्राभिषेक किया गया।शिव भक्ति में उत्साह से लबरेज श्रद्धालुओं के द्वारा गंगा जी से गंगाजल भरकर लाए गए टैंकर से बर्तनों में गंगाजल भरकर मंदिर के गर्भ गृह में स्थापित शिवलिंग पर चढ़ाने की होड़ मची रही। भगवान शिव को गंगाजल चढ़ाने के लिए पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं एवं बच्चे भी पीछे नहीं रहे।
सहस्त्राभिषेक से पहले शिवजी को 108 कमल पुष्प भी चढ़ाए गए।