गोगाजी की पूजा अर्चना कर मांगी सुख समृद्धि की कामना

Update: 2024-08-27 15:06 GMT

सवाईपुर ( सांवर वैष्णव ) कस्बे सहित सोपुरा, सालरिया, ढेलाणा, ड़साणिया का खेड़ा, बड़ला, बनकाखेड़ा, चावंडिया, ककरोलिया माफी, लसाडिया, पीथास, खरेड़, खजीना, जित्यास, नोहरा, कालिरड़िया, रेड़वास, गोठड़ा, किशनगढ़, गुवारड़ी, सबलाजी का खेड़ा आदि कई गांवों में मंगलवार को गोगा नवमी का पर्व बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया ।

महिलाओं ने गोगा जी को तिलक लगाकर व राखी बांधकर पूजा-अर्चना की तथा वस्त्र अर्पण कर घर परिवार में सुख समृद्धि की कामना की । ईश्वर लाल प्रजापत ने बताया कि गोगा जी को गुग्गा, जाहिर वीर व जाहर पीर के नामों से भी जाना जाता है । गोगाजी राजस्थान के लोक देवता हैं । गोगा जी गुरु गोरखनाथ के परम शिष्य रहे । गोगा जी का जन्म विक्रम संवत 1003 में राजस्थान के चुरू जिले के ददरेवा गांव में हुआ। गोगाजी के पिता का नाम जेवर सिंह व माता का नाम बाछल है, गोगा जी का जन्म गोरखनाथ के वरदान से हुआ । गोगाजी को सांपों के देवता के रूप में पूजा जाता है ।

प्रजापत समाज के लोग गोगा जी की प्रतिमा बनाकर आज भी गांवों में रक्षाबंधन के 9 दिन बाद गोगा नवमी कुम्हार समाज के लोग मिट्टी से बनी गोगा जी की मूर्ति को घर-घर लेकर जाते हैं । जहां ग्रामीण महिलाएं व पुरुष गोगा जी महाराज की पूजा-अर्चना करते हैं और गोगा जी महाराज से परिवार में खुशहाली की कामना करते हैं।

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