महिला कांस्टेबल सुरमा आत्महत्या केस:: उत्पीड़न के दोषी एसआई उपेंद्र सिंह पर गिरी बड़ी गाज — विभाग ने उतारा रैंक, सिपाही बनाकर भेजा लाइन
भीलवाड़ा।
महिला कांस्टेबल सुरमा की आत्महत्या के मामले में पुलिस विभाग ने आखिरकार कड़ा कदम उठाया है। विभागीय जांच में दोषी पाए गए एसआई उपेंद्र सिंह को डिमोट कर सिपाही बना दिया गया है। यह कार्रवाई पुलिस महकमे में अनुशासन और जीरो टॉलरेंस की नीति का सख्त संदेश मानी जा रही है।
जानकारी के अनुसार, वर्ष 2018 में महिला कांस्टेबल सुरमा (क्रमांक 1672) ने उत्पीड़न से तंग आकर आत्महत्या कर ली थी। जांच में सामने आया कि सुरमा पर उसके तत्कालीन अधिकारी एसआई उपेंद्र सिंह द्वारा अपमानजनक भाषा और दुव्यवहार किया जा रहा था। बताया गया कि लगातार मानसिक प्रताड़ना से आहत होकर सुरमा ने यह आत्मघाती कदम उठाया।
विभागीय जांच में स्पष्ट हुआ कि एसआई उपेंद्र सिंह का आचरण अनुशासनहीन और अपमानजनक था। इस रिपोर्ट को गंभीर मानते हुए पुलिस मुख्यालय ने उनके खिलाफ कठोर निर्णय लिया।
सीसीटी नियम 14(4)(क) के तहत जारी आदेश में उपेंद्र सिंह को तत्काल प्रभाव से एसआई पद से हटाकर सिपाही के पद पर पदावनत कर दिया गया है। इसके साथ ही उन्हें आगे किसी भी प्रकार के जिम्मेदार पद पर तैनात नहीं किया जाएगा।
विभागीय सूत्रों का कहना है कि पुलिस मुख्यालय इस मामले को “मिसाल केस” के रूप में देख रहा है — ताकि भविष्य में कोई अधिकारी या कर्मचारी महिला सहयोगियों के प्रति अभद्रता करने की हिम्मत न करे।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा,
> “महकमे में अब किसी भी स्तर पर महिला कर्मियों के प्रति अपमान या उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह कार्रवाई अनुशासन, सम्मान और संवेदनशीलता बनाए रखने की दिशा में एक उदाहरण है।”
इस फैसले के बाद पुलिस विभाग के भीतर खलबली मच गई है। कई पुलिसकर्मी इसे एक “चेतावनी का संदेश” मान रहे हैं कि अब किसी भी प्रकार की अनुशासनहीनता पर विभाग नरमी नहीं बरतेगा।
