दशा माता का मंदिर तोड़ किया अवैध कब्जा, महिलाओं ने कलेक्ट्री पर प्रदर्शन कर कार्रवाई की मांग उठाई
भीलवाड़ा । जोधड़ास ग्राम के लोगों ने नगर विकास न्यास की जमीन पर अवैध कब्जे और निर्माण को लेकर आज जिला कलेक्टर कार्यालय पर प्रदर्शन किया व अवैध कब्जों को हटाने की मांग की। पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन देकर कार्रवाई की मांग की है।
जोधड़ास ग्राम के ग्रामीण आज जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और वहां यूआईटी की जमीन पर जाति विशेष के व्यक्ति द्वारा अवैध कब्जों करने के खिलाफ नारेबाजी की। इस मौके पर ग्रामीण महिला सीमा ने आरोप लगाया कि दुर्गा नामक व्यक्ति ने वहां बने हुए दशा माता के मंदिर को तोड़कर अवैध कब्जा कर लिया है। इसके अलावा कुछ और जगह भी कब्जा किया हुआ है। आज दशा माता के दिन पुरूषों के साथ महिलाएं जिला कलक्टर कार्यालय पहुंची और पुलिस अधीक्षक को दिए गए ज्ञापन में मांग की गई है कि तोड़े गए मंदिर को पुन: बनाया जाये। उन्होंने इस संबंध में नगर विकास न्यास और प्रतापनगर थाना पुलिस को शिकायत की लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। सीमा ने यह आरोप भी लगाया कि महिलाएं डरी सहमी हुई है। उस क्षेत्र में जा नहीं सकती है, उनके साथ गाली गलौच की जाती है।
वार्ड 42 में भोपालपुरा में भगवान महादेव मंदिर के पास महिलाओं ने चैत्र माह की कृष्ण पक्ष की दशमी को दशामाता की पूजा कर अखण्ड सौभाग्यवती वरदान मांगा| |पूजा के थाल में लापसी, पूरी ,चावल अन्य व्यंजन के साथ माता को चढ़ाने के लिये गेहूं के
आटे से बने गहने जिसमें गले का हार चूड़िया माथे का टीका मंगलसूत्र कई अलग अलग गहने घी का दीपक निवेद कुमकुम से सजी थाली लेकर मन्दिर व पिपल के वृक्ष पर पूजा-पाठ किया|पार्षद रोमा लखवानी ने सभी मातृ शक्ति को बहनों व माताओं को दशा माता की बधाई दी|
पूजन में लाडदेवी भील गीता, लाली भील, रामू भील, लीला भील ,चंदा भील, लादी भील, सीमा भील, कमला भील, गीता भील ,आशा शर्मा ,हिना धोबी, निधी पोरवाल ,अनिता धोबी, तरुणा घीया ,कमला धोबी सहीत वार्ड की महिलाएं उपस्थित थी |
महिलाओं ने किया दशा माता की पूजन, की सुख-समृद्धि की कामना
सवाईपुर ( सांवर वैष्णव ):- सवाईपुर कस्बे सहित बड़ला, बनकाखेड़ा, ढ़ेलाणा, सोपुरा, सालरिया, खरेड़, चावंडिया, ककरोलिया माफी, लसाड़िया, रेड़वास, गोठड़ा, किशनगढ़, कुड़ी, बोरखेड़ा, बोर्डियास, खजीना, कांदा, सोलंकिया का खेड़ा आदि कई गांवों में सोमवार को दशा माता की पूजा श्रद्धा और परंपरागत ढंग से मनाई गई । महिलाओं ने नए परिधान पहनकर मंगल गीत गाते हुए पीपल पूजा की, पूजा के दौरान पीपल के पेड़ पर कुमकुम से स्वास्तिक और तिलक लगाया और पीपल को मौली बांधा सामूहिक रूप से विधि-विधान से दशा माता का पूजन कर अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की । विभिन्न स्थानों पर गली-मोहल्लों और मंदिरों में महिलाओं ने बड़े श्रद्धाभाव से पीपल वृक्ष की पूजा कर परिक्रमा की और दशा माता की कथा सुनी । महिलाओं ने पारंपरिक अनुष्ठान कर पूजन किया और परिवार की मंगलकामना की, परंपरा के अनुसार, पूजन के दौरान महिलाएं पीपल वृक्ष से छोटी उंगली से सूखी छाल का टुकड़ा निकालकर अपने घर ले गईं और इसे आभूषण की तरह संजोकर रखा । पीपल की लगाई 10 बार परिक्रमा महिलाएं पारंपरिक परिधान में सज-धजकर पीपल वृक्ष के नीचे एकत्र हुई। उन्होंने पीपल वृक्ष की दस बार परिक्रमा की और कच्चे सूत का धागा लपेटकर पूजन किया । महिलाओं ने पीपल के वृक्ष पर कुमकुम, मेहंदी और हल्दी अर्पित की, इसके बाद महिलाओं ने व्रत उपवास खोला ।।