माधव गोशाला में होलिका दहन के लिए 3 लाख गोबर के कंडे तैयार
भीलवाड़ा । परम् पूज्य माधव गो विज्ञान अनुसंधान संस्थान की ओर से होली रोपने के लिए पेडों की कटाई से हो रहे पर्यावरण के नुकसान को रोकने के लिए होलिका दहन कंडों, गोकाष्ट (गोबर से बनी लकड़ियों) बडबुले की मालाओं, नारियल, न हवन टिकिया, कपूर, लोंग, के इलायची, गाय के घी, हवन सामग्री 5 आदि से करने का आह्वान किया गया है । अंतिम संस्कार में जो लकड़ी काम में ले रहे हैं, उसके स्थान पर देशी गाय के गोबर से बने गोकाष्ट का उपयोग करने की अपील की गई। इससे पर्यावरण संरक्षण के साथ ही गोशालाओं को भी संबल मिलेगा। संस्थान के अध्यक्ष डीपी अग्रवाल ने बताया कि संस्थान हर साल की तरह इस बार भी गोबर के कंडे, गोकाष्ट, हवन टिकिया, बड़बुले की माला, नारियल उपलब्ध करा रही है। सचिव सत्यप्रकाश गग्गड ने बताया कि गौशाला ने पिछले एक माह में गोबर के तीन लाख कंडे बनाये है। पिछले 10 वर्षो से गो भक्तों के सहयोग से यह कार्य हो रहा है। इस वर्ष 108 स्थानों पर शहर में गोबर के कण्डो व गोबर की लकड़ी से होलिका दहन कराने का लक्ष्य रखा गया है। आमजन वैवाहिक वर्षगांठ व स्मृति दिवस पर गायों को लापसी खिला सकते है। गाय के दूध के वितरण की व्यवस्था सुबह -शाम डोर टू डोर हो रही है। सांवलिया सेठ मंदिर में 28 को अमावस्या पर मेला भरेगा। भगवान का दूध से अभिषेक किया जाएगा।
9 मार्च को फाग महोत्सव गाडरमाला चारभुजा महिला मंडल सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक करेगी। भजन गायक ललिता राठी भजन गायेगी। छप्पन भोग लगाया जाएगा। 3 मार्च को सेवा आश्रम के विशेष बच्चे माधव गौशाला में गोबर प्लांट का अवलोकन करेंगे। मंदिर व्यवस्था प्रबंधन प्रमुख गोविंदप्रसाद सोडाणी ने आमजन से गौशाला में बन रहे गोबर के कंडे प्राप्त कर होलिका दहन की अपील की है।