सरपंच व उसके साथियों पर हमला करने का आरोप, निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर एसपी को सौंपा ज्ञापन
भीलवाड़ा। प्रताप युवा शक्ति के प्रदेश उपाध्यक्ष कानसिंह खारड़ा, मेवाड़ अध्यक्ष रणजीत सिंह झालरा, जिलाध्यक्ष नागेन्द्र सिंह जामोली सहित सर्वसमाज के लोगों ने सांगवा गांव में धर्मपाल सिंह व उनके साथियों पर हुए हमले की निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर आज पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन के अनुसार, सांगवा निवासी धर्मपाल सिंह राठौड़ व उनके परिवार पर गांव के सरपंच उदयलाल गाड़री व उसके साथियों द्वारा श्राद्ध कार्यक्रम के दौरान जानलेवा हमला किया गया। यह हमला उस समय हुआ जब धर्मपाल सिंह ने सरपंच द्वारा कथित रूप से उनकी खरीदी हुई संपत्ति का फर्जी पट्टा किसी अन्य के नाम जारी करने पर आपत्ति जताई।
घटना के दिन श्राद्ध के कार्यक्रम में शामिल होने आए मेहमानों के बीच जब विवाद बढ़ा, तो सरपंच ने पूर्व नियोजित तरीके से अपने करीबियों—भंवरलाल, लोकेश शर्मा, अनिल गोस्वामी, पप्पू लाल, नारायण लाल, गणपत सिंह, किशन लाल सहित अन्य 10-15 लोगों को बुला लिया। आरोप है कि हमलावर लाठी, तलवार और चाकुओं से लैस थे और उन्होंने धर्मपाल सिंह, उनके पिता मोहन सिंह, दीपक सिंह, करण सिंह, प्रधान जाट, राकेश प्रजापत व दिग्विजय सिंह पर हमला किया।
हमले में दीपक सिंह को गंभीर चोटें आईं, उनके सिर पर सात टांके आए और हाथ में फैक्चर हो गया। अन्य लोगों को भी गंभीर चोटें आईं, जिनका उपचार महात्मा गांधी अस्पताल भीलवाड़ा में चल रहा है। आरोप यह भी है कि राकेश प्रजापत के कपड़े उतारकर गांव में उसकी बंदोरी निकाली गई, उसका मोबाइल व पर्स भी लूट लिया गया।
ज्ञापन में बताया गया कि सरपंच उदयलाल को कोई चोट नहीं आई और न ही उनके वाहन को कोई नुकसान हुआ, जबकि हमले में तीन गाड़ियां—महिंद्रा थार, महिंद्रा एक्सयूवी, निसान मैगनेट व एक जीप बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं। पीड़ित पक्ष का कहना है कि हमलावरों की तरफ से कोई घायल नहीं हुआ, जिससे यह स्पष्ट होता है कि हमला एकतरफा था।
ज्ञापन में यह भी बताया गया कि धर्मपाल सिंह व उनके मित्र नेटवर्क मार्केटिंग के कार्य से जुड़े हैं और उनका गांव की संपत्ति या विवाद से कोई लेना-देना नहीं था। बावजूद इसके, राजनैतिक दबाव का उपयोग कर धर्मपाल सिंह व उनके साथियों पर झूठे आरोप लगाकर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस अधीक्षक से मांग की है कि इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच हो, सीसीटीवी फुटेज एकत्र की जाएं और दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए।
