ब्यूरोक्रेट्स जन प्रतिनिधियों पर भारी — वाहन छुड़ाने में पसीने छूटे ‘स्वयं घोषित जोगी नेता’ के

Update: 2025-10-27 08:45 GMT


मांडल ( सोनिया )।

प्रदेश में एक बार फिर ब्यूरोक्रेट्स बनाम जन प्रतिनिधियों का मामला चर्चा में है। मांडल-भीलवाड़ा मार्ग पर बीएसएनएल ऑफिस के पास रविवार देर रात एक वाहन को छुड़ाने को लेकर हुए विवाद ने सियासी रंग ले लिया।

सूत्रों के अनुसार, नाकाबंदी के दौरान एक वाहन को बीमा समाप्त होने के कारण रोका गया। वाहन सवार व्यक्ति ने खुद को ‘जोगी समाज का नेता’ बताते हुए कॉल संपर्क कर वाहन छुड़ाने का दबाव बनाया। लेकिन ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों ने नियमों का हवाला देते हुए वाहन छोड़ने से इंकार कर दिया।

काफी देर तक चली बहस और उच्चाधिकारियों से हुई फोन वार्ता के बाद, अंततः वरिष्ठ अधिकारी के निर्देश पर वाहन छोड़ा गया।

मौके पर मौजूद एक कर्मचारी ने बताया कि यह पूरी तरह नियमित नाकाबंदी की कार्रवाई थी और इसमें किसी प्रकार की व्यक्तिगत रंजिश नहीं थी।

इस घटना ने एक बार फिर स्थानीय स्तर पर ब्यूरोक्रेसी और राजनीतिक नेतृत्व के बीच खिंचाव को उजागर कर दिया है।

डोटासरा का तंज — “सरकार आरएसएस और ब्यूरोक्रेट्स चला रहे हैं”

इधर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा ने भी इस प्रकरण पर परोक्ष टिप्पणी करते हुए कहा —

“प्रदेश का दुर्भाग्य है कि वोट बीजेपी ने लिए और सरकार आरएसएस व ब्यूरोक्रेट्स चला रहे हैं।”

डोटासरा रविवार को जयपुर से साहवा जाते समय चूरू में रुके, जहां उन्होंने ब्लॉक कांग्रेस कार्यालय मंडेलिया हाउस में पदाधिकारियों से मुलाकात की और कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाया।

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