शव को अंतिम मंजिल तक ले जाने वाली पांच बहादुर बेटियों ने पिता को दिया कंधा

Update: 2025-07-23 12:02 GMT

भीलवाड़ा। भीम के समेलिया गांव में एक ऐसी घटना घटी है जो समाज के लिए प्रेरणा बन गई है। 37 वर्षीय डाऊ राम रेगर की मृत्यु के बाद उनकी पांच बेटियों ने पारंपरिक रूढ़ियों को तोड़ते हुए अपने पिता के अंतिम संस्कार में सक्रिय भूमिका निभाई।

डाऊ राम एक साधारण किसान और मजदूर थे, जिनके पास थोड़ी सी जमीन थी। उन्होंने कृषि, पशुपालन और मजदूरी करके अपनी पांच बेटियों - रेखा (19), पायल (17), विद्या (16), प्रतिज्ञा (9) और कृष्णा (6) का पालन-पोषण किया।

जब डाऊ राम का निधन हुआ, तो उनकी पांचों बेटियों ने पिता के अंतिम संस्कार में सक्रिय भागीदारी निभाई। स्थानीय शिक्षाविद मोहन लाल उदेनिया ने उन्हें इस कदम के लिए प्रेरित किया।

अंतिम संस्कार के बाद, समाज ने पीड़ित परिवार की मदद की। स्थानीय लोगों ने 35,000 रुपये की नकद सहायता प्रदान की, जिससे बेटियों के भविष्य को सुरक्षित करने में मदद मिली।

पिता के निधन के बाद, पांच बेटियों के सामने शिक्षा और जीवन यापन की चुनौतियां हैं। हालांकि, उनका साहस और समाज का समर्थन उनके सपनों को पंख दे सकता है।

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