गंगरार: चहेतों पर मेहरबान पंचायत, बाकी पर कहर, अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई बनी पक्षपात का अखाड़ा

Update: 2025-07-31 16:35 GMT
गंगरार: चहेतों पर मेहरबान पंचायत, बाकी पर कहर, अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई बनी पक्षपात का अखाड़ा
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गंगरार साड़ास थाना सर्कल के करतियास गांव में ग्राम पंचायत द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही एक बार फिर गांव में पक्षपात की बू छोड़ गई। जहां पंचायत ने चहेते लोगों की ज़मीन पर न कोई फावड़ा चलाया, न जेसीबी गरजायी । जी हां ऐसा ही मामला रघुनाथपुरा ग्राम पंचायत के करतियास गांव में देखने को मिला हाल ही में पंचायत द्वारा अतिक्रमण हटाने का कार्य किया गया जानकारी में आया कि उस दौरान कुछ लोगों पर पर ही यह कार्रवाई की गई जबकि बड़े पैमाने पर क्षेत्र में अतिक्रमण मौजूद है उसके कार्यवाही मात्र गिने चुने लोगों पर की गई। वही प्रभावशाली लोगों पर मेहरबानी की गई। अतिक्रमण के दौरान कच्चे अतिक्रमण एवं पशुओं के गोबर डालने के स्थान को हटाए जाने की जानकारी सामने आई उसमें भी पक्षपात देखा गया। जिसे लेकर ग्रामीणों ने पुलिस थाने में प्राथमिकता दी मजेदार बात तो यह रही की उनकी प्राथमिकता आज तक दर्ज नहीं की गई। जिसे लेकर बुधवार को बड़ी तादात में ग्रामीण लोग एकत्रित होकर साड़ास थाने का घेराव करते हुए। जल्द से जल्द मामला दर्ज करने की मांग करने लगे।

वहीं कुछ आम ग्रामीणों पर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही कि शुरुआत गई। कार्रवाई की आड़ में चुनिंदा अतिक्रमण बचाकर कार्यवाही शुरू की गई ।

जिससे गुस्साए ग्रामीणों ने पंचायत और प्रशासन की मिलीभगत पर खुला आरोप लगा डाला।

मामला तब और गरमाया जब अतिक्रमण हटाने के दौरान ग्रामीण आपस में उलझ पड़े, लेकिन पुलिस ने एक ही पक्ष की रिपोर्ट दर्ज की, जबकि दूसरे पक्ष की फरियाद को थाने के बाहर ही ठंडा कर दिया गया।

ग्रामीणों का आरोप था कि पुलिस ने सरपंच के इशारे पर चुनिंदा लोगों की शिकायत को ही दर्ज किया, और बाकी शिकायतों को ‘रजिस्टर से पहले ही रिजेक्ट’ कर दिया ।

गांव के एक पक्ष ने सरपंच और उसके करीबियों पर एफआईआर दर्ज कराई, लेकिन पुलिस पर एफआईआर नहीं लेने का आरोप लगाते हुए खुल कर सामने आ गये ।

और इसी पक्षपातपूर्ण रुख़ से नाराज़ ग्रामीणों ने थाने का घेराव कर प्रदर्शन किया।

ग्रामीणों का कहना है :-

अगर कानून सिर्फ रसूखदारों के लिए है, तो फिर बाकी जनता का क्या होगा

अब गांव में यह मुद्दा पंचायत की कार्रवाई से हटकर पुलिस की निष्पक्षता पर सवाल बन चुका है। लोग पूछ रहे हैं कि “क़ानून का डंडा सब पर चलेगा या सिर्फ उन पर, जिनकी जेब में पंचायती ‘पास’ नहीं ?

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