
भीलवाड़ा (हलचल) विजयनगर के पास आगूचा गांव में नवनिर्मित मंदिर की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष में आज से नव कुण्डात्मक महायज्ञ का शुभारंभ हुआ संपूर्ण गांव के बाजारों में धूमधाम से शोभायात्रा निकाली गई तथा मंडप प्रवेश हुवा, याज्ञिक सम्राट पंडित धर्मनारायण वेदाचार्य ने आज पूजन करवा के यज्ञ का महत्व बताया यज्ञो वै श्रेष्ठतमं कर्म:
यज्ञ का सबसे बड़ा संदेश है – समर्पण। यज्ञ से जीवन में शुभता व समृद्धि, वायुमंडल की शुद्धि, पर्यावरण संतुलन, सकारात्मक ऊर्जा का संचार, अहंकार का दहन, संकल्प की पूर्ति और आत्मा के परिष्कार के साथ यज्ञ से निकलने वाली धूम्र और मंत्रशक्ति वातावरण को रोगाणुओं से मुक्त करती है। महायज्ञ की पूर्णाहुति 30 अप्रैल को होगी