मातृ शक्ति सुसंकृत नागरिक निर्माण की धुरी* डा. वर्मा

Update: 2025-11-16 17:56 GMT


भगवानपुरा   (कैलाश शर्मा ) राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय उपशाखा मांडल द्वारा महिला संवर्ग संगोष्ठी का आयोजन उप-शाखा मुख्यालय माण्डल पर किया गया ।

इस अवसर पर संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता प्राचार्या डॉ ज्योति वर्मा ने रानी अब्बक्का देवी (अब्बक्का चौटा) जो कि 16वीं सदी में एक महान प्रजा वत्सल ,समदर्शी, समरसता और न्याय को समर्पित महिला शासिका रही उनके जीवन वृत पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने कर्नाटक के उल्लाल पर शासन किया वे अपनी बहादुरी के लिए जानी जाती हैं उन्होंने पुर्तगालियों के विरुद्ध कई युद्ध लड़े, जिसके कारण उन्हें "अभया रानी" (निडर रानी) के रूप में जाना जाता है। बहुत से इतिहासकार उन्हें भारत की पहली महिला स्वतंत्रता सेनानियों में से एक मानते हैं। वह युद्ध में अग्निबाण का संधान करने वाली अंतिम शासकों में से एक थीं वे अपने राज्य में सभी धर्मों के लोगों को समान आदर देती थीं और एक न्यायप्रिय शासक के रूप में जानी जाती थीं । कर्नाटक के उल्लाल में उनके सम्मान में 'वीर रानी अब्बक्का उत्सव' मनाया जाता है। भारत सरकार ने उनके शौर्य और योगदान को नमन करने के लिए 2003 में उनके नाम पर एक डाक टिकट जारी किया था । हमे उनके जीवन से प्रेरणा लेकर समाज और राष्ट्र में सांस्कृतिक मूल्यों की पुनर्स्थापना और हमारे जीवन मूल्यों की रक्षा करनी होगी , सामाजिक समरसता एवं भावी पीढ़ी में संस्कार व राष्ट्र प्रेम की भावना का विकास एक मां ही कर सकती है और स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग कर भारत को आत्मनिर्भर विकसित राष्ट्र बनाने के साथ ही भावी पीढ़ी में आत्म बोध , आत्मगौरव का विकास करने में महिला शिक्षकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है

द्वितीय सत्र में वक्ताओं ने राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय का सांगठनिक परिचय देते हुए जिला महिला मंत्री नीता रावत ने बताया कि प्रदेश का सबसे बड़ा शिक्षक संगठन जो सभी केडर की बात करता है और शिक्षा, शिक्षक और शिक्षार्थी तीनों के विकास के लिए कार्य करता है, संगठन का ध्येय है राष्ट्र हित में शिक्षा, शिक्षा हित में शिक्षक और शिक्षक हित में समाज इन सबके साथ संगठन समाज व राष्ट्र में पंच परिवर्तन के लिए भी काम कर रहा हैं जिनमें सामाजिक समरसता, कुटुम्ब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी, नागरिक कर्तव्य और स्व का बोध आदि सम्मिलित हैं और इन सबमें महिला शिक्षकों की बड़ी महत्वपूर्ण भागीदारी है ।

तृतीय सत्र में शिक्षकों की विभिन्न समस्याओं को खुले मंच पर सुना गया जिनमें बीएलओ से शिक्षकों को मुक्त करने, व्याख्याता, द्वितीय व तृतीय श्रेणी संवर्ग के स्थानांतरण एवं डीपीसी शीघ्र करने की मांगे आई । राज्य में उपशाखा स्तर पर पहली बार आयोजित इस संगोष्ठी के प्रति अच्छा उत्साह रहा l इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता ममता वैष्णव उप शाखा महिला उपाध्यक्ष ने की कार्यक्रम का संचालन उप शाखा महिला मंत्री आशा बेरवा ने किया इस अवसर पर कार्यक्रम में ललिता तेली चंद्र शोभना सोनी संजू कुमारी महिमा चौधरी राजकुमारी तिवारी डिंपल बेरवा मुन्नी देवी सारस्वत मीना बिड़ला निरूपमा बिश्नोई सहित अनेक शिक्षिकाएं उपस्थिति रही कार्यक्रम के अंत में अध्यक्ष महोदय द्वारा सभी का आभार व्यक्त किया गया ।

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