स‌द्भावना की गंगा प्रवाहित करेंगा श्रीरामकथा महोत्सव, 21 सितम्बर से होगा आयोजन

Update: 2024-09-15 11:24 GMT

भीलवाडा। धर्मनगरी भीलवाडा 21 सितम्बर से नौ दिन तक राममय हो जाएगा और जय श्री राम की गूंज होंगी। इस दौरान श्रीसंकट मोचन हनुमान मंदिर ट्रस्ट एवं श्री रामकथा महोत्सव समिति के तत्वावधान में 21 से 29 सितम्बर तक नौ दिवसीय संगीतमय श्री रामकथा महोत्सव का आयोजन नगर निगम के चित्रकूटधाम प्रागंण में दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक होगा। महोत्सव में ख्यातनाम राजन महाराज श्री रामकथा का वाचन करेंगे। श्रीसंकट मोचन हनुमान मंदिर के महंत बाबूगिरी महाराज ने प्रेस वार्ता के दौरान कथा की तैयारियों के बारे में बताया कि श्री रामकथा में देश के विभिन्न स्थानों से आए महामण्डेलश्वर, महतों व संतों का आर्शीवचन प्राप्त होगा। कथा आयोजन का उद्देश्य लोगों की सनातन धर्म संस्कृति के प्रति जागृति मजबूत करने के साथ इसके माध्यम से गौसेवा के प्रति वातावरण का निर्माण करना है।

श्री रामकथा महोत्सव समिति के अध्यक्ष गजानंद बजाज ने बताया कि भीलवाडा में पहली आ रहे राजन महाराज द्वारा वाचन की जाने वाली कथा के आयोजन के लिए व्यापक स्तर पर तैयारियां की गई है। इस आयोजन के माध्यम से वर्तमान माहौल को अधिक सद्भावनायुक्त बनाने का प्रयास भी किया जाएगा।

श्री रामकथा महोत्सव के लिए आयोजन स्थल चित्रकूटधाम में ध्वज स्थापना रविवार सुबह वैदिक मंत्रोच्चार के बीच महन्त बाबूगिरी महाराज के सानिध्य में विधि विधान के साथ की गई। श्रीरामकथा महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर 21 सितम्बर को सुबह हरिशेवाधाम से कलशयात्रा निकाली जाएगी। कथा में प्रतिदिन अलग-अलग प्रसंगों का वाचन होगा। कथावाचन करने जा रहे राजन महाराज के प्रतिनिधि भी भीलवाडा पहुंचकर तैयारियों का जायजा ले चुके है। गौरतलब है कि महन्त बाबूगिरी महाराज के सानिध्य में भीलवाडा में वर्ष 2022 में ख्यातनाम रामकथा वाचन प्रेमभूषण महाराज के मुखारविंद से नौ दिवसीय रामकथा का सफल आयोजन हो चुका है। 

ब्रिटिश संसद में सम्मानित हो चुके कथावाचक राजन महाराज

राजन महाराज का जन्म पश्चिम बंगाल के कोलकाता में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनका मूल नाम राजन तिवारी है। कोलकत्ता के सरकारी स्कूल में प्रारमिक शिक्षा होने के बाद उन्होंने रसायन शास्त्र में स्नातक ऑनर्स किया था। बचपन से ही आध्यात्मिक क्षेत्र में विशेष रूचि रखने वाले राजन महाराज ने शिक्षा प्राप्ति के बाद कुछ समय तक नौकरी की। इसके बाद वह वर्ष 2001 से प्रेमभूषण महाराज के सानिध्य में आए धर्म ओर भक्ति क्षेत्र से जुड़ गए। वर्ष 2011 से राजन महाराज ने कथवाचन शुरू किया। भगवान राम के प्रेरणादायी जीवन प्रसग सुनाते-सुनाते उनकी पहचान रामकथा वाचक के रूप में बन गई।

भीलवाड़ा में पहली बार आ रहे मशहूर रामकथा वाचक राजन महाराज देश के विभिन्न क्षेत्रों के साथ अमरीका, सिंगापुर ब्रिटेन, मॉरीशस, डेनमार्क, गुयाना, यूएई (दुबई) आदि देशों में भी रामकथा का रसपान भक्तो को करा चुके है। धार्मिक एवं सामाजिक क्षेत्र में उनकी सेवाओं के लिए राजन महाराज का ब्रिटिश संसद में भी सम्मान हो चुका है।

Similar News