भीलवाड़ा। शहर में हजारों यात्रियों की आवाजाही वाले केंद्रीय बस स्टैंड पर स्थित सुलभ कॉरिडोर इन दिनों सुरक्षा के लिहाज से चिंताजनक साबित हो रहा है। छत से गिरता प्लास्तर और दरकती दीवारें किसी बड़े हादसे का निमंत्रण दे रही हैं।
विडंबना यह है कि रोडवेज प्रबंधन यात्रियों की सुरक्षा की बजाय जर्जर ढांचे से केवल राजस्व वसूलने में लगा है। सुलभ कॉरिडोर में प्रवेश करते ही यात्रियों को ऊपर की ओर देखना पड़ता है, क्योंकि छत का बड़ा हिस्सा टूट चुका है और सरिए साफ दिख रहे है। नहाने के कमरों और शौचालय की छतें इतनी कमजोर हो चुकी हैं कि किसी भी वक्त गिरने का खतरा बना हुआ है। दीवारों पर लिखी स्वच्छता ही सेवा जैसी इबारतें अब केवल विभाग की लापरवाही का मजाक उड़ा रही हैं।
सूत्रों के अनुसार रोडवेज प्रबंधन हर साल इस कॉरिडोर का ठेका भारी-भरकम राशि में देता है। ठेके की शर्तों में मर्मत और रखरखाव की जिम्मेदारी तय होती है, लेकिन यहां मामला उल्टा है। ठेकेदार केवल अपनी कमाई में लगा है और विभाग केवल राजस्व में। इस बीच अगर कोई पत्थर किसी यात्री पर गिर जाए, तो जिम्मेदारी लेने वाला कोई नहीं है।
कॉरिडोर के पीछे की स्थिति और भी चिंताजनक है। सेफ्टी टैंक पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है। टैंक से निकलता गंदा पानी और मानव मल पास स्थित साइकिल स्टैंड में फैल रहा है। इससे न केवल वाहनों के मालिकों को परेशानी हो रही है, बल्कि पूरे इलाके में संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ गया है। दुर्गंध इतनी तेज है कि बस स्टैंड पर पांच मिनट खड़ा रहना भी मुश्किल है।