ऑपरेशन सिंदूर के शहीदों और पहलगाम पीड़ितों को हरि शेवा धाम में दी श्रद्धांजलि

भीलवाड़ा। हरि शेवा उदासीन आश्रम सनातन मंदिर परिसर में ऑपरेशन सिंदूर के शहीदों और पहलगाम पीड़ितों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम भारत माता की तस्वीर पर दीप प्रज्वलन कर सभा की शुरुआत हुई। यह आयोजन महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन के पावन सान्निध्य में सम्पन्न हुआ। सभा का उद्देश्य ऑपरेशन सिंदूर में शहीद हुए भारतीय जवानों और जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले में मारे गए हिंदू नागरिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करना था। इस अवसर पर हरिशेवा शिक्षण-प्रशिक्षण संस्कृत विद्यालय के छात्रों ने विषय की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए ऑपरेशन सिंदूर में हुए शहीदों के बलिदान और राष्ट्रीय सुरक्षा पर आधारित गंभीर विचार प्रस्तुत किए। छात्रों के विचारों में देशभक्ति, संवेदना और समाज के प्रति जागरूकता की भावना स्पष्ट रूप से झलक रही थी। कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थितजन ने दो मिनट का मौन रखकर शहीदों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन ने अपने संबोधन में कहा, “शहीदों का बलिदान देश की आत्मा है, हमें उनके आदर्शों को आत्मसात करना चाहिए।” यह श्रद्धांजलि सभा केवल श्रद्धा अर्पित करने का माध्यम नहीं, बल्कि युवाओं के भीतर राष्ट्र सेवा की भावना जागृत करने का एक प्रेरणादायक अवसर भी रही। इस कार्यक्रम में सेवा निवृत सैनिक - वारंट ऑफिसर एल एल पांचाल, वारंट ऑफिसर एस के गुर्जर, सूबेदार मेजर चमन सिंह राठौड़, सूबेदार मेजर रतन देव, कैलाश चंद्र जीनगर, हवलदार तेज सिंह, हवलदार हेमेन्द्र सिंह चौहान को भी आमंत्रित किया गया। सूबेदार चमन सिंह राठौड़ जिन्होंने कारगिल युद्ध में भाग लिया एवं सूबेदार रतन देव शर्मा ने अपने युद्ध के अनुभव सबके साथ साझा किए। कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के रवींद्र जाजू ने शस्त्र और शास्त्र की रक्षा के लिए तत्पर रहने को कहा। हरीशेवा शिक्षण प्रक्षिक्षण संस्थान के छात्र आस्था इटोरिया, रघुवीर सिंह रामावत, अर्जुन व्यास, शांतनु शर्मा एवं दीपेश यादव ने ऑपरेशन सिंदूर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। आश्रम के संत राजाराम, संत गोविंदराम, महंत जमनादास, अरविंद मुनि, ब्रह्मचारी मिहिर, सचिव हेमंत वच्छानी, ट्रस्टी ईश्वरलाल आसनानी, अंबालाल नानकानी, पल्लवी वच्छानी, विद्यालय की प्रधानाचार्य रूपा पारीक, पुस्तकालय अध्यक्ष मोहन लाल शर्मा, भारतीय सिंधु सभा के वीरूमल पुरसानी, मनीष सबदानी, बबिता नारवानी, पंकज आडवाणी सहित अनेक श्रद्धालुओं ने भी श्रद्धांजलि सभा में भाग लिया। कार्यक्रम के अंत में सभी पूर्व सैनिकों का सम्मान कर, दो मिनट का मौन रख राष्ट्रगान से समापन किया गया।