नीली क्रांति: दुग्ध, मछली उत्पादन में भारत बना दुनिया का अगुवा

Update: 2024-08-05 17:26 GMT

नयी दिल्ली ) देश ने बीते 10 वर्षों में दुग्ध उत्पादन तथा मछली पालन के क्षेत्र में कई गुनी वृद्धि की है और निर्यात भी बढ़ा है।

केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री राजीव रंजन (लल्लन सिंह) ने लोकसभा में आम बजट 2024-25 में अपने विभाग की अनुदान मांगों पर हुई चर्चा का उत्तर देते हुए सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मत्स्य उत्पादन की नीली क्रांति के लिए पश्चिम बंगाल, केरल, आंध्रप्रदेश सहित सभी तटवर्ती राज्यों को भरपूर सहायता दी है। उन्होंने इन राज्यों को दी जाने वाली सहायता की राशि भी बतायी। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत ये सहायता दी जा रही है।

श्री रंजन ने कहा कि देश में मवेशियों की संख्या भी बढ़ी है। गायों की संख्या 19.09 करोड़ से बढ़कर 19.30 करोड़ हुई है और भैंसों की संख्या 10.8 करोड़ से बढ़कर 11 करोड़ हो गयी है। उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन के उद्योग में 8.2 करोड़ लोग जुड़े हैं जबकि पशुपालन एवं डेयरी उद्योग से 12 करोड़ से अधिक लोग जुड़े हैं। उन्होंने मछली उत्पादन के आंकड़े साझा करते हुए कहा कि वर्ष 2013-14 में भारत में मछली उत्पादन 95.7 लाख टन था जो अब 2023-24 में 174.45 लाख टन हो गया। मत्स्य उद्योग में निर्यात के आंकड़ा साझा करते हुए कहा कि मछली का निर्यात वर्ष 2013-14 में 20213 करोड़ रुपए का था जो अब 60523 करोड़ रुपए का हो गया है।

उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन और जलीय कृषि अवसंरचना विकास निधि 7522.48 करोड़ रुपए वर्ष 2025-26 तक के लिए स्थापित किया गया है। इससे मछुआरों, उद्यमियों, सहकारी संस्थाओं को बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए ऋण दिया जा रहा है। मछुआरों को 4.27 लाख किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से 2477.95 करोड़ रुपए की मदद दी गयी है। इसके अलावा उन्हें दुर्घटना बीमा भी दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि देश में डेयरी उत्पादन मूल्य 11.16 लाख करोड़ रुपए का है। भारत मछली उत्पादन में विश्व में नंबर दो और डेयरी उद्योग में नंबर एक हो गया है। भारत में दुग्ध उत्पादन वर्ष 2013-14 में 14.63 करोड़ टन से बढ़ कर आज 23.06 करोड़ टन हो गया है। भारत में दुग्ध उत्पादन में छह प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से वृद्धि हो रही है जबकि वैश्विक औसत वार्षिक वृद्धि दो प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि देश में दुग्ध उत्पादन क्षेत्र 68 प्रतिशत असंगठित है जिसे सरकार संगठित बनाने एव

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