20 करोड़ के बीमा फर्जीवाड़े कर विदेश भाग रहे जाट को पुलिस ने जयपुर में किया गिरफ्तार
बाड़मेर पुलिस ने एक बड़े बीमा घोटाले का पर्दाफाश करते हुए 20 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के मास्टरमाइंड सताराम जाट को जयपुर से गिरफ्तार कर लिया है। रावतसर निवासी सताराम विदेश भागने की फिराक में था।
एसपी नरेंद्र सिंह मीना ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि सताराम एक संगठित गिरोह चला रहा था। यह गिरोह पहले अपने या अपने परिचितों के नाम पर महंगे ट्रक और ट्रेलर खरीदता था। इसके बाद, बाड़मेर जिले के गुड़ामालानी, बायतू, पचपदरा, जसोल, सिणधरी और पाली जिले के आसोप, सेन्दड़ा, जैतारण जैसे विभिन्न थानों में इन वाहनों की चोरी की झूठी एफआईआर दर्ज करवा दी जाती थी। इन्हीं रिपोर्टों के आधार पर यह गिरोह बीमा कंपनियों से करोड़ों रुपए का क्लेम वसूल लेता था।
जांच में हुआ बड़ा खुलासा
पुलिस जांच में यह बात सामने आई कि जिन वाहनों को चोरी बताया जाता था, उन्हें अवैध रूप से अरुणाचल प्रदेश ले जाकर उनका नया रजिस्ट्रेशन करवा दिया जाता था। नई नंबर प्लेट लगाकर इन ट्रकों को तेल कंपनियों में किराए पर चलाया जा रहा था। पुलिस ने अब तक ऐसे तीन वाहन जब्त भी कर लिए हैं।
जांच में यह भी पता चला कि कुछ मामलों में तो वाहन वास्तव में मौजूद ही नहीं थे और सिर्फ फर्जी दस्तावेजों के आधार पर ही बीमा क्लेम ले लिया गया। गिरोह ने कुछ गाड़ियों को जलाकर भी बीमा कंपनियों के साथ धोखाधड़ी की।
पूरे देश में फैला था नेटवर्क
यह गिरोह सिर्फ राजस्थान तक ही सीमित नहीं था, बल्कि दिल्ली और गुजरात में भी सक्रिय था। गिरोह द्वारा टोयोटा हाईलक्स जैसी महंगी गाड़ियां फाइनेंस करवाकर, उनका बीमा क्लेम उठाने के बाद उन्हें डोडा तस्करों को बेच दिया जाता था।
ऐसे चढ़ा पुलिस के हत्थे
पुलिस 7 अगस्त को गुड़ामालानी थाने में दर्ज हुई एक ट्रक चोरी की झूठी एफआईआर के मामले में सताराम की तलाश कर रही थी। इसी बीच, वह अपनी बेटी का वीजा बनवाने के लिए जयपुर आया हुआ था, जहां पुलिस ने उसे धर दबोचा।
आयकर विभाग और ED को दी गई सूचना
पुलिस ने इस पूरे मामले की जानकारी आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय (ED) को भी भेज दी है, ताकि सताराम द्वारा इस धोखाधड़ी से अर्जित की गई अवैध संपत्ति की जांच कर उसे जब्त किया जा सके।एसपी मीना द्वारा गठित एक विशेष टीम ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया, जिसमें वृत्ताधिकारी सुखाराम के सुपरविजन में गुड़ामालानी एसएचओ देवीचंद ढाका और उनकी टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पुलिस अब सताराम के साथियों- हनुवंत सिंह, जोगेंद्र चौधरी, मोहनराम, विशनाराम, चिमन सिंह, मांगीलाल, देवाराम और शेराराम की तलाश कर रही है, जो झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने में उसकी मदद करते थे।
