कांग्रेस में दरार आ चुकी, खुद को अलग-थलग महसूस कर रहे पुराने नेता', शर्मिष्ठा मुखर्जी का बयान

By :  vijay
Update: 2024-12-29 11:15 GMT

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने रविवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस में गिरावट आ गई है और पार्टी को दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति पर आत्ममंथन करने की जरूरत है। शर्मिष्ठा ने पार्टी की मौजूदा स्थिति पर अफसोस जताते हुए कहा कि आज कई पुराने कांग्रेस कार्यकर्ता खुद को पार्टी से अलग-थलग महसूस कर रहे हैं, क्योंकि शीर्ष नेताओं में विचारधारा की कमी है।

 शर्मिष्ठा ने यह भी सवाल उठाया कि उनके पिता के निधन के बाद कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक क्यों नहीं बुलाई गई और कोई प्रस्ताव क्यों नहीं पारित किया गया। उन्होंने कहा कि उन्हें बुरा लगा जब उनके पिता की मृत्यु के बाद सीडब्ल्यूसी की बैठक नहीं बुलाई गई। सीडब्ल्यूसी कांग्रेस के सबसे बड़े फैसले लेने वाली संस्था है।

उन्होंने कहा, कांग्रेस को इसका जवाब देना होगा। मैं सिर्फ एक तथ्य पेश कर सकती हूं। लेकिन मैं यह भी कहना चाहूंगी कि मुझे नहीं पता कि यह जानबूझकर किया गया था या बस लापरवाही थी। इतनी पुरानी पार्टी में क्या परंपराएं हैं? पीटीआई से बातचीत में शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा, अगर (कांग्रेस नेता) राहुल गांधी और उनके करीबी लोगों को यह नहीं पता कि कांग्रेस ने पहले इस स्थिति में कैसे काम किया, तो यह खुद कांग्रेस के भीतर एक गंभीर और दुखद स्थिति है।

ट्रोल करने के बजाय आत्मनिरीक्षण करे कांग्रेस: शर्मिष्ठा मुखर्जी

जब कांग्रेस में गैर-वंशवादी नेताओं के योगदान के बारे में पूछा गया, तो शर्मिष्ठा ने कहा, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि (पूर्व प्रधानमंत्री) पी.वी.नरसिम्हा राव के साथ क्या किया गया। शर्मिष्ठा ने आगे कहा, कांग्रेस का पूरा पारिस्थितिकी तंत्र (इकोसिस्टम), यानी उसका सोशल मीडिया लगातार मुझे और मेरे पिता को कुछ अन्य मुद्दों पर लगातार ट्रोल कर रहा था। जो भाषा मेरे और मेरे पिता जैसे बड़े नेताओं के खिलाफ इस्तेमाल की गई, वह यह दिखाती है कि कांग्रेस में सचमुच एक दरार आ चुकी है। उन्होंने कहा, कांग्रेस को सोशल मीडिया पर ट्रोल करने के बजाय गंभीर आत्मनिरीक्षण करना चाहिए। क्योंकि मेरी तरह कांग्रेस की विचारधारा में भरोसा रखने वाले व्यक्ति आज पार्टी से खुद को अलग महसूस करते हैं।

के. आर. नारायणन के निधन पर बुलाई गई थी सीडब्ल्यूसी की बैठक

इससे पहले, एक्स पर एक और पोस्ट में मुखर्जी ने कहा था, जब बाबा का निधन हुआ, तो कांग्रेस ने शोक के लिए सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाने की जहमत नहीं उठाई। एक वरिष्ठ नेता ने मुझसे कहा कि यह राष्ट्रपति के लिए नहीं की जाती है। यह बिल्कुल बकवास है, क्योंकि मुझे बाबा (प्रणब मुखर्जी) की डायरियों से पता चला कि के.आर. नारायणन की मृत्यु पर सीडब्ल्यूसी की बैठक को बुलाया गया था और शोक संदेश बाबा ने ही तैयार किया था।

'पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भारत रत्न के हकदार'

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के लिए स्मारक बनाने को लेकर चल रहे विवाद पर मुखर्जी ने कहा कि वह इस विवाद में नहीं पड़ेंगी, क्योंकि वह अब कांग्रेस का हिस्सा नहीं है और उन्होंने राजनीतिक छोड़ दी है। हालांकि, उन्होंने मनमोहन सिंह के लिए एक स्मारक बनाने की पैरवी की और कहा कि देश का सर्वोच्च न्यागरिक पुरस्कार भारत रत्न भी पूर्व प्रधानमंत्री को मरणोपरांत दिया जाना चाहिए।

शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा, 'मैं इस बारे में कुछ नहीं कहूंगी, मैं अब कांग्रेस से जुड़ी हुई नहीं हुई। मैंने राजनीति छोड़ दी है। राहुल गांधी ने जो कहा है, कांग्रेस को उसे स्पष्ट करने की जरूरत है।' उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि मनमोहन सिंह के लिए एक स्मारक बनाने की मांग बिल्कुल जायज है। वह भारत में आर्थिक सुधारों के वास्तुकार थे। वह भारत की विकास गाधा के जनक थे। वह दो बार के प्रधानमंत्री थे। इसलिए उनके सम्मान में स्मारक की मांग बिल्कुल जायज है। साथ ही भारत के आम नागरिकों की ओर से मैं उनके लिए भारत रत्न की मांग करती हूं। वह इसके पूरी तरह हकदार हैं।' पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हुआ। वह 92 वर्ष के थे।

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