सरकारी मुफ्त योजनाओं पर न रहें निर्भर, खुद करें सोलर ऊर्जा पैदा', मंत्री जोशी की लोगों से अपील
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री प्रहलाद जोशी ने गुरुवार को लोगों से सरकारों पर मुफ्त योजनाओं के लिए निर्भर न रहने की अपील की। उन्होंने उनसे खुद सोलर ऊर्जा पैदा करने का आग्रह किया। बता दें, मंत्री ने 'सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना' पर उपभोक्ताओं, विद्युत आपूर्ति कंपनी (ईएससीओएम) के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ एक परामर्श बैठक में भाग लिया था।
'बिजली क्षेत्र में स्थिरता देश के सुरक्षित भविष्य की कुंजी बनने जा रही'
इस दौरान जोशी ने कहा, 'पर्यावरण के लिए हानिकारक कोर सेक्टर सामग्री का उपयोग करके उत्पादित मुफ्त बिजली के वितरण के पीछे क्या उद्देश्य थे, इस पर मैं टिप्पणी नहीं करूंगा। लेकिन बिजली क्षेत्र में स्थिरता देश के सुरक्षित भविष्य की कुंजी बनने जा रही है।'
पीएम मोदी ने की थी योजना की शुरुआत
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 15 फरवरी 2024 को शुरू की गई सूर्या घर मुफ्त बिजली योजना का उद्देश्य भारतीय घरों को मुफ्त में बिजली देना है। इसके तहत उनके घरों की छतों पर सोलर पैनल स्थापित करने के लिए सब्सिडी दी जाएगी। यह सब्सिडी सोलर पैनल की लागत का 40 प्रतिशत तक कवर करेगी।
उन्होंने कहा कि गैर-नवीकरणीय स्रोतों से जुड़ी मुफ्त योजनाओं के लिए किसी को तो कीमत चुकानी ही पड़ेगी। इस सौदेबाजी में कार्यान्वयन निकायों को उत्पादन लागत में कटौती के रूप में कई शॉर्टकट अपनाने होंगे, जिससे वे अनुत्पादक हो जाएंगे और बेकार हो जाएंगे। उन्होंने अपनी पूर्व कोयला मंत्रालय की भूमिका को याद करते हुए कहा कि जो कुछ भी 'मुफ्त' बांटा जा रहा है, उसकी कीमक बहुत अधिक है।
ढाई लाख टन कोयले का खनन...
उन्होंने आगे कहा, 'मुझे आंकड़े भी याद हैं। ढाई लाख टन कोयले का खनन भारी लागत और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हुए किया जा रहा था, जिसे ताप विद्युत उत्पादकों तक पहुंचाया जा रहा था। जबकि ताप विद्युत उत्पादन की प्रक्रिया में बहुत अधिक लागत शामिल थी।'
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार भविष्य में अन्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों जैसे ज्वारीय, पवन और भूगर्भीय ऊर्जा के विकास पर ध्यान दे रही है। इन ऊर्जा स्रोतों पर शोध और उत्पाद विकास जारी है।
सौर ऊर्जा प्रबंधन भी अभूतपूर्व शोध और उत्पाद विकास से गुजर रहा है, जिससे सौर ऊर्जा इकाइयों का जीवन 25 वर्ष से बढ़कर 40 वर्ष हो जाएगा। उनकी स्थापित क्षमता भी बढ़ेगी और मांग के आधार पर लागत को तर्कसंगत बनाया जाएगा।
2050 तक पृथ्वी पर गर्मी सामान्य स्तरों तक पहुंचेगी
केंद्रीय मंत्री ने चेतावनी देते हुए कहा कि वैज्ञानिक आंकड़े उपलब्ध हैं, जिसमें कहा गया है कि 2050 तक पृथ्वी पर गर्मी सामान्य स्तरों तक पहुंच जाएगी। यदि हम अभी भी लापरवाह हैं और कम तापमान पैदा करने वाले पावर मॉड्यूल का उपयोग नहीं करते हैं, तो हम 2030 तक वहां पहुंच सकते हैं।
जोशी ने राजस्थान और गुजरात का उदाहरण दिया, जहां इस साल तापमान 50 डिग्री सेल्सियत तक पहुंच गया था। अगर तापमान इस तरह ही बढ़ता रहा तो मैनपावर थकावट और स्वास्थ्य समस्याओं के कारण प्रभावित होगा। इससे अनुमान है कि 19 प्रतिशत तक जीडीपी कम हो सकती है।
उन्होंने यह भी बताया कि भारत ने पिछले 10 वर्षों में 2.3 जीडब्ल्यू से 93.5 गीगावॉट सोलर पावर हासिल किया है। देश में 60GW की स्थापित क्षमता वाले सोलर मॉड्यूल्स हैं। 300 दिनों की धूप के साथ, पांच सदस्यीय परिवार अपने सभी इलेक्ट्रिकल गैजेट्स के लिए सोलर पावर का इस्तेमाल आराम से कर सकता है। इस अवसर पर दक्षिण कन्नड़ के सांसद बृजेश चौटा ने भी अपनी बात रखी।