पंचायतों में रोटेशनल आरक्षण के लिए नया मॉडल

Update: 2025-01-02 17:13 GMT

  नई दिल्ली। देश की राजनीति में हॉटकेक बन चुके आरक्षण को लेकर केंद्र सरकार ने और गंभीर चिंतन शुरू कर दिया है। लोकतंत्र की पहली सीढ़ी कही जाने वाली पंचायतों में चक्रानुक्रम आरक्षण (रोटेशनल रिजर्वेशन) का कितना लाभ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और महिलाओं को मिल पा रहा है और किन राज्यों में व्यवस्था अधिक बेहतर है, इसका समग्र अध्ययन पंचायतीराज मंत्रालय कराने जा रहा है।


माना जा रहा है कि सभी राज्यों के अध्ययन के आधार पर रिपोर्ट तैयार कर केंद्र सरकार इन वर्गों को धरातल पर आरक्षण का अधिक लाभ दिलाने के लिए राज्यों को नया मॉडल सुझा सकती है। 73वें संविधान संशोधन कानून- 1992 के माध्यम से पंचायती राज संस्थाओं में एससी, एसटी, ओबीसी और महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था की गई है। पंचायतों में सीटों का चक्रानुक्रम आरक्षण देने की व्यवस्था तो सभी राज्यों में है, लेकिन चूंकि यह राज्य का विषय है, इसलिए इसमें अभी एकरूपता नहीं है।

महिलाओं की हो अधिक भागीदारी

कुछ राज्यों में एक ही कार्यकाल में सीट का आरक्षण बदल जाता है तो कहीं-कहीं दो कार्यकाल तक सीट सुरक्षित रखी जा रही है। पंचायतीराज मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कई कार्यक्रमों में आरक्षित सीटों से चुने गए पंचायत जनप्रतिनिधियों ने इस समस्या को उठाया कि उन्हें एक ही कार्यकाल मिल पाया। महिलाओं ने खास तौर से इस पर ध्यान आकृष्ट कराया कि वह पंचायत का कामकाज सीखती हैं और हिचक मिट ही रही होती है कि सीट का आरक्षण समाप्त होने के कारण अगली बार चुनाव लड़ने का मौका ही नहीं मिल पाता। ऐसे ही तमाम विषय सामने आने के बाद पंचायतीराज मंत्रालय ने देशभर में एक अध्ययन कराने का निर्णय किया है। एजेंसी के चयन के लिए निविदा की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है।


Tags:    

Similar News