भीलवाड़ा ,सिन्धी समाज ने वडी सताएं का त्यौहार बड़े धूमधाम हर्षोल्लास व पारम्परिक रुप से मनाया|
सिन्धी समाज की माताओं- बहनों ने सुबह स्नान कर सजधजकर एक दिन पहले बनायें व्यजन मिठ्ठी कोकी, चहरी मानी, चोथा, सतपुड़ा, सलोनी, दाल, पुड़ी, पकौड़ी, खट्टो भत, दाल पकवान की थाली लेकर जल स्रोतों कुएं, तालाब, बावड़ी, नल, हेडपम्प, बोरिंग पर जाकर सीतला माता की पूजा करी| पार्षद रोमा लखवानी ने बताया की सेक्टर 5 पार्क में कुएं के पास माताओं बहनों ने परात में कच्चा दूध, डब, वह एक दिन पहलें बनाया भोजन डाल कर चांदी से बने माताजी के हार को उस परात में डूबोकर पारम्परिक लोकगीत गाया ''सावण माई सताएं आई भरयू जोलियूं दे, एड़ी सच्ची सीतला एड़ो मुह करे" वह माथे पर चुन्नी ढककर जोली फैलाकर बच्चों के स्वस्थ काया लम्बी आयु के लियें आराधना करी| पार्षद रोमा लखवानी ने बताया की सावन का महीना सिन्धी समाज के लियें धर्माऊ महीना है इस महीने गोगड़ा (नाग पंचमी),नन्डी सताएं (छोटी सातम), टिजड़ी(तीज) वडी सताएं(बड़ी सातम) पर्व आते है |