भीलवाड़ा :हरितालिका तीज व्रत आज, पति की लंबी उम्र के लिए सुहागिनों ने रखा
भीलवाड़ा (हलचल)हरितालिका तीज भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया यानी आज मंगलवार को मनाई जा रही है। हरितालिका तीज को तीजा के नाम से भी जाना जाता है। इसे सुहाग का पर्व भी कहते हैं। पति की लंबी उम्र और स्वास्थ्य के लिए सुहागिन निर्जल और निराहार रहकर घरों और मंदिरों में पूजा कर पति की लंबी आयु की कामना को लेकर इस पर्व को मना रही हे।
आज भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जा रही है। ज्योतिषी विक्रम सोनी ने बताया कि 24 घंटे सुहागिन महिलाओ ने निर्जला व्रत रखा हैं। कहा जाता है कि हरितालिका तीज के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था। माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था। इस तप को देखकर भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिए और माता पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया। तभी से मनचाहे पति की इच्छा और लंबी आयु के लिए हरतालिका तीज का व्रत रखा जाता है।
हरितालिका तीज का धार्मिक महत्व भी बहुत गहरा है। मान्यता है कि इस दिन माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था। तप देखकर भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिए और पत्नी के रूप में स्वीकार किया। तभी से यह व्रत पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए रखा जाता है।
पूजा में शामिल महिलाओं ने बताया कि यह पर्व केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपराओं का प्रतीक भी है। कविता शर्मा, जो पहली बार तीज व्रत रख रही हैं, ने कहा, "यह पर्व अखंड सौभाग्य और पति के प्रति समर्पण का प्रतीक है। इसे लेकर काफी उत्सुकता और श्रद्धा बनी रहती है।"
वहीं अनीता माली, जो अपने विवाह के 15वें वर्ष इस व्रत को मान रही हैं, ने कहा, "भगवान शिव और माता पार्वती से पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हूं। यह व्रत हमारे परिवार में सुख, शांति और समृद्धि लेकर आता है।"
पूजा सैनी ने बताया कि हरितालिका तीज व्रत का अनुष्ठान कठिन होता है क्योंकि महिलाएं 24 घंटे निर्जला रहकर उपवास करती हैं, फिर भी वह इसे बड़ी श्रद्धा और भक्ति के साथ करती हैं।
आरती चौहान ने कहा, "भारतीय संस्कृति में पर्व-त्योहार का विशेष महत्व है। तीज का पर्व भी इस संस्कृति का अहम हिस्सा है। इस दिन व्रती को पूरे परिवार का सहयोग मिलता है, जिससे व्रत और पूजा का महत्व और बढ़ जाता है।"
मंदिरों और पूजा स्थलों में महिलाएं पूरे दिन , मंत्रोच्चारण के साथ पूजा की तैयारी में व्यस्त रहेगी आज सुबह स्नान कर व्रत का पारणा लिया। कल तड़के पूरे विधिपूर्वक पूजा पाठ और व्रत का समापन होगा। इस अवसर पर तीज गीतों और पारंपरिक भजनों की ध्वनि वातावरण को और उत्सवपूर्ण बना रही हे।
विशेषज्ञों का कहना है कि हरितालिका तीज न केवल पति की लंबी उम्र की कामना का पर्व है, बल्कि यह महिला सशक्तिकरण और परिवार में सामंजस्य का भी संदेश देती है। इस दिन का व्रत और पूजा विधिपूर्वक करने से परिवार में खुशहाली और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
इस प्रकार भीलवाड़ा में हरितालिका तीज का पर्व धार्मिक भक्ति और सांस्कृतिक उल्लास के साथ शुरू हुआ है। महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करते हुए पूजा और अनुष्ठानों में पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ लीन हैं।
