गणेश चतुर्थी 2025: क्यों नहीं करना चाहिए चंद्र दर्शन, जानें कथा, दोष और उपाय
कब है गणेश चतुर्थी 2025?
इस बार गणेश चतुर्थी 27 अगस्त 2025 (बुधवार) को मनाई जाएगी। इसे भगवान गणेश का जन्मोत्सव माना जाता है और पूरे देश में धूमधाम से 10 दिनों तक उत्सव चलता है।
लेकिन इस दिन एक खास परंपरा है—चंद्र दर्शन वर्जित माना गया है।
🌙 चंद्र दर्शन क्यों वर्जित है?
पौराणिक कथा के अनुसार—
एक बार भगवान गणेश अपने वाहन मूषक (चूहे) पर सवार होकर जा रहे थे। रास्ते में मूषक को सांप दिख गया और वह उछल पड़ा। इससे गणेश जी गिर गए। यह देखकर चंद्रमा हँसने लगे।
गणेश जी ने क्रोधित होकर चंद्रमा को श्राप दे दिया—
"तुम घमंडी हो, इसलिए कोई तुम्हारा सम्मान नहीं करेगा। तुम्हारी रोशनी चली जाएगी।"
देवताओं और चंद्रमा के निवेदन पर गणेश जी ने श्राप को थोड़ा शिथिल किया और कहा—
"हर माह पूर्णिमा को तुम पूर्ण रूप से प्रकाशित रहोगे। लेकिन भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी (गणेश चतुर्थी) को जो भी तुम्हारा दर्शन करेगा, उस पर झूठा आरोप लगेगा और उसकी प्रतिष्ठा को आघात पहुँचेगा।"
⚡ चंद्र दर्शन से क्या दोष लगता है?
इसे "कलंक दोष" कहा जाता है।
झूठे आरोप, अपमान और समाज में छवि खराब होने का भय रहता है।
अगर भूल से चंद्र दर्शन हो जाए तो क्या करें?
धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दोष से बचने के लिए स्यमंतक मणि की कथा से जुड़ा मंत्र का जाप करना चाहिए।
📿 मंत्र:
सिंहः प्रसेनमवधीत्सिंहो जाम्बवता हतः।
सुकुमार मरोदीस्तव ह्येष स्यमन्तकः॥
➡️ इस मंत्र का 28, 51 या 108 बार जाप करने से दोष दूर होता है।
✅ चंद्र दर्शन से बचने के उपाय
गणेश चतुर्थी के दिन सूर्यास्त के बाद आसमान की ओर देखने से परहेज़ करें।
पंचांग देखकर चंद्रमा उदय का समय जान लें।
सावधानी रखें कि अनजाने में भी चंद्रमा न दिखे।
गणेश चतुर्थी सिर्फ पूजा-पाठ और उत्सव का पर्व नहीं है, बल्कि इसमें छिपी परंपराएँ और कथाएँ हमें धार्मिक अनुशासन और आस्था की गहराई से जोड़ती हैं। अगर भूल से चंद्र दर्शन हो भी जाए, तो घबराने की जरूरत नहीं—मंत्र जाप और भगवान गणेश से क्षमा याचना ही उपाय है।
