CHAITRA NAVRATRI: देवी आराधना का महापर्व नवरात्र 30 अप्रैल से
वासंतिक या चैत्र नवरात्र इस बार 30 मार्च से आरंभ होंगे. इस बार नवरात्र आठ दिन और चैत्र शुक्ल पक्ष 14 दिनों का है. नवरात्र में पंचमी तिथि का क्षय है. जिससे इस बार चतुर्थी के दिन अनुदय पंचमी के मान से शृंगार गौरी व विशालाक्षी गौरी का दर्शन-पूजन दो अप्रैल को ही किया जाएगा. हालांकि 8 दिनों के नवरात्र में देवी आराधना विशेष योग फलदायी होंगे. चैत्र नवरात्र में रवि योग, यायीजय योग, सर्वार्थ सिद्धियोग, सिद्धि योग, रवियोग सर्वार्थ सिद्धि स्थायीजयी शुभ योग हैं. इसके अतिरिक्त महानवमी पर दिन में नौ बजकर 42 मिनट के बाद रवि पुष्य योग भी अतिशुभ होगा. वासंतिक नवरात्र छह अप्रैल को महानवमी व रामनवमी तक चलेगा. नवरात्र व्रत की पारना सात अप्रैल को होगी. महाष्टमी व्रत की पारना नवमी तिथि में अर्थात छह अप्रैल को की जाएगी.
घट स्थापना के लिए समय प्रात:काल से मध्याह्न के बीच शुभ होता है. जिसमें प्रात: छह बजे से सुबह 10 बजे तक समय अतिशुभ रहेगा. हालांकि घट स्थापन सुबह से लेकर दिन में दो बजकर 14 मिनट के बीच कभी भी की जा सकेगी. दिन में दो बजकर 14 मिनट के बाद द्वितीया तिथि लग जाएगी. चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि 29 मार्च को सायंकाल चार बजकर 33 मिनट पर लगेगी जो 30 मार्च को दिन में दो बजकर 14 मिनट तक रहेगी. शास्त्र के अनुसार महानिशा पूजन सप्तमी युक्त अष्टमी में किया जाता है या मध्यरात्रि निशितव्यापिनी अष्टमी योग पांच अप्रैल को महानिशा पूजन तथा अन्नपूर्णा परिक्रमा चार-पांच अप्रैल की मध्यरात्रि के बाद एक बजकर 21 मिनट से प्रारंभ होकर दूसरे दिन पांच अप्रैल को रात्रि 12 बजकर पांच मिनट तक किया जा सकेगा. महाष्टमी व्रत पांच अप्रैल को तथा महानवमी व रामनवमी व्रत छह अप्रैल को किया जाएगा. नवरात्र का हवन आदि छह अप्रैल को महानवमी में कर लेना चाहिए.
नवरात्र की किस दिन कौन सी तिथि
30 मार्च - मुखनिर्मालिका व शैलपुत्री देवी दर्शन.
31 मार्च - ज्येष्ठ गौरी व ब्रह्मचारी देवी दर्शन.
01 अप्रैल - सौभाग्य गौरी व चंद्रघंटा देवी दर्शन.
02 अप्रैल - शृंगार गौरी व विशालाक्षी गौरी दर्शन इसी दिन कुष्मांडा व स्कंदमाता के दर्शनॉ.
03 अप्रैल - ललिता गौरी व कात्यायनी देवी दर्शन.
04 अप्रैल - भवानी गौरी व कालरात्रि देवी दर्शन.
05 अप्रैल - मंगला गौरी व महागौरी देवी दर्शन.
06 अप्रैल - महालक्ष्मी गौरी व सिद्धिदात्रि देवी दर्शन.
06 अप्रैल - मध्याह्न में राम जन्मोत्सव व नवरात्र का होम इत्यादि.
07 अप्रैल - नवरात्र व्रत की पारना.