कब मनाई जाएगी शरद पूर्णिमा, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

Update: 2025-09-30 23:30 GMT

हिंदू धर्म में पूर्णिमा का दिन अत्यंत शुभ और मंगलकारी माना गया है। प्रत्येक पूर्णिमा का अपना विशेष महत्व होता है, लेकिन सभी पूर्णिमाओं में शरद पूर्णिमा को सर्वोत्तम माना जाता है। शरद पूर्णिमा को विशेष रूप से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की आराधना का दिन माना गया है। मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से पूजा और दान करने से जीवन में सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और मानसिक शांति का आगमन होता है।

पंचांग के अनुसार, वर्ष 2025 में आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि 06 अक्टूबर, सोमवार को पड़ रही है। यह तिथि दोपहर 12:23 बजे से शुरू होकर अगले दिन 07 अक्टूबर को सुबह 09:16 बजे समाप्त होगी। इस दिन चंद्रोदय का समय शाम 05:27 बजे रहेगा। शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से पूर्ण होता है और उसकी किरणों में अमृतमय और औषधीय गुण होने की मान्यता है।

शरद पूर्णिमा की रात विशेष रूप से दूध और खीर के लिए प्रसिद्ध है। परंपरा के अनुसार, इस दिन दूध से बनी खीर को पूरी रात चांदनी में रखा जाता है और अगले दिन इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है। इसे खाने से शरीर और मन दोनों शुद्ध और ऊर्जावान बनते हैं। लोकमान्यता है कि यह परंपरा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और मानसिक शांति प्राप्त करने में मदद करती है।

धन-संपत्ति और आर्थिक स्थिरता के लिए शरद पूर्णिमा पर विशेष उपाय किए जाते हैं। यदि कोई व्यक्ति आर्थिक तंगी से परेशान है, तो इस दिन स्नान के बाद भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने की सलाह दी जाती है। मां लक्ष्मी को कमल का फूल और एकाक्षी नारियल अर्पित करना अत्यंत लाभकारी माना गया है।

धन में स्थायी वृद्धि के लिए शरद पूर्णिमा की रात 11 पीली कौड़ियों को पीले कपड़े में बांधकर मां लक्ष्मी के सामने रखने की परंपरा है। अगले दिन इन कौड़ियों को तिजोरी में रख देने से घर-परिवार में धन की कमी नहीं रहती और लक्ष्मी माता का आशीर्वाद मिलता है। इसे करने से न केवल आर्थिक स्थिति मजबूत होती है, बल्कि परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।

शरद पूर्णिमा का पर्व न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समाज और परिवार में सामंजस्य, स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक भी है। यह दिन हमें प्रकृति, चंद्रमा और देवी-देवताओं के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने और अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाने का अवसर देता है।

इस वर्ष 2025 में 06 अक्टूबर को पड़ रही शरद पूर्णिमा न केवल आस्था का पर्व है, बल्कि स्वास्थ्य, समृद्धि और परिवारिक कल्याण के लिए एक अद्भुत अवसर भी प्रदान करती है। पूरे देश में लोग इस दिन को श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाएंगे, और परंपराओं के अनुसार विशेष उपाय और पूजा-अर्चना करेंगे।

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