हरियाली तीज पर क्यों पहना जाता है हरा रंग? जानिए धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

Update: 2025-07-24 06:40 GMT
हरियाली तीज पर क्यों पहना जाता है हरा रंग? जानिए धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
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हरियाली तीज सावन महीने का एक खास त्योहार है, जो खासतौर पर सुहागिन महिलाओं और कुंवारी लड़कियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं और व्रत रखती हैं, जिससे उन्हें अखंड सौभाग्य और वैवाहिक जीवन में खुशहाली का आशीर्वाद मिलता है। इसके साथ ही अविवाहित लड़कियों की भी मनोकामना पूरी होती है और उन्हें शुभ जीवनसाथी मिलने की उम्मीद बढ़ जाती है।




 

हरियाली तीज 2025 इस साल 27 जुलाई को मनाई जाएगी। इस दिन महिलाएं खूब सज-धज कर सोलह श्रृंगार करती हैं और खास तौर पर हरे रंग का उपयोग करती हैं, जैसे कि हरी साड़ी पहनना, हरी चूड़ियां पहनना और मेहंदी लगवाना। लेकिन सवाल ये उठता है कि आखिर हरियाली तीज पर हरा रंग पहनने का क्या महत्व है? आइए जानते हैं इसका कारण।

हरियाली तीज पर हरे रंग का महत्व

प्रकृति से जुड़ा रंग

सावन का महीना बारिश का होता है और इस दौरान चारों ओर हरियाली फैल जाती है। पेड़-पौधे हरे-भरे हो जाते हैं, इसलिए हरे रंग को प्रकृति का रंग माना जाता है। इसीलिए सावन के महीने में हरियाली तीज के दिन हरा रंग पहनना शुभ माना जाता है।

 

भगवान शिव और प्रकृति का प्रेम

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव को हरियाली और प्रकृति बहुत प्रिय हैं। इसलिए इस दिन हरा रंग पहनने से भगवान शिव और पार्वती जी की कृपा मिलती है, जिससे महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति करती हैं।

 

सौभाग्य और खुशहाली का प्रतीक

ऐसा कहा जाता है कि अगर महिलाएं हरियाली तीज के दिन हरे रंग की कांच की चूड़ियां पहनती हैं, तो उनके पति की आयु लंबी होती है और वैवाहिक जीवन में प्रेम बढ़ता है। हरे रंग की साड़ी और मेहंदी भी खुशहाली और जीवन में प्रेम का संकेत होती हैं।

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ज्योतिषीय महत्व

ज्योतिष के अनुसार, हरा रंग बुध ग्रह का रंग होता है। हरे रंग के कपड़े पहनने से बुध ग्रह की सकारात्मक ऊर्जा मिलती है, जिससे बुद्धिमत्ता और मानसिक शांति बढ़ती है। सावन के महीने में हरा रंग पहनना शुभ माना जाता है, क्योंकि यह मन को शांत करता है।

व्रत के दौरान मानसिक शांति

हरियाली तीज के दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं। ऐसे में व्रत के समय मन शांत और स्थिर होना जरूरी होता है। हरा रंग पहनने से मन को शांति मिलती है और व्रत में शक्ति मिलती है।

हरियाली तीज पर हरा रंग पहनना सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि इसकी पीछे गहरी धार्मिक, सांस्कृतिक और ज्योतिषीय मान्यताएं हैं। हरे रंग के पहनावे और मेहंदी से न केवल सौभाग्य बढ़ता है, बल्कि यह मन को भी शांत और प्रसन्न रखता है। इसलिए सावन के महीने में हरियाली तीज पर महिलाएं खासतौर पर हरे रंग को अपनाती हैं और इस त्योहार को धूमधाम से मनाती हैं। 

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